
भाजपा मंडल अध्यक्ष खडौरा के लेनदेन का ऑडियो वायरल..
जिले के मझौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत छुही का मामला
जिले के जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत छुही में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कराए गए कार्यों को लेकर भाजपा मंडल अध्यक्ष खडौरा द्वारा की जा रही सौदेबाजी का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल ऑडियो की पुष्टि हमारा समाचार पत्र नहीं करता है।
गौरतलब हो कि सोशल मीडिया पर एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रोजगार सहायक अनुपम नापित के भाई कन्हैया लाल नापित और भाजपा मंडल अध्यक्ष खड़ौरा रामसजीवन कचेर उर्फ गुड्डू के बीच समझौते के लिए लेन-देन
आडियों
की बातचीत होने का दावा किया जा रहा है। वायरल ऑडियो के अनुसार आरोप है कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत कराए गए प्रत्येक कार्य में प्रति कार्य 20 हजार रुपये की मांग भाजपा मंडल अध्यक्ष खडौरा द्वारा की जा रही थी। राशि न देने की स्थिति में शासकीय
काम के लिए बनाया जाता है
कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी शिकायतें कर उन्हें परेशान किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही ठेकेदारी की भी मांग किए जाने की बात सामने आई है।
ऑडियो में चर्चा के दौरान रामसजीवन कचेर भाजपा मंडल
वायरल ऑडियो के साथ सोशल मीडिया में जो पोस्ट शेयर की गई है उसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि रामसजीवन कचेर द्वारा अपने मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में कार्य का दबाव बनाया जाता है और जिसके द्वारा काम नहीं किया जाता है उसके खिलाफ फर्जी शिकायत भी की जाती हैं। इतना ही नहीं यह भी आरोप लगाया गया है कि पंचायत में पहले ही दबाव बनाकर जन मन आंगनवाड़ी भवन निर्माण (रू.12 लाख 4 हजार) एवं पंचायत भवन निर्माण (रू. 4 लाख 25 हजार) सहित कुल रू. 16 लाख 29 हजार रुपये के कार्य कथित रूप से भाजपा मंडल अध्यक्ष खड़ौरा द्वारा अपने प्रभाव में ले लिए गए हैं।
अध्यक्ष खंडौरा द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि मेरे द्वारा शिकायत की गई है, कुछ नाम मैने लिख कर दे दिया था, अब उसको उन्होंने देखा या नहीं यह मुझे पता नहीं है।
सत्ता की दिखाई जाती हैं धौस
दबाव
बताया जा रहा है कि भाजपा मंडल अध्यक्ष खडौरा रामसजीवन कचेर द्वारा काम न देने वाली पंचायत के सरपंच, सचिव एवं सहायक सचिव को धमकी दी जाती है कि अगर मुझे काम नहीं दिया गया तो कार्यवाही करवाएंगे।
आरोप है कि मंडल अध्यक्ष खडौरा ने पंचायत क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के नाम का रौब दिखाकर अन्य शासकीय निर्माण कार्यों को अपने कब्जे में लेने की योजना बनाई जा रही है। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद पंचायत एवं प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। वायरल ऑडियो की सत्यता की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से जांच की मांग की जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो यह पंचायत व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।