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NH-703A पर टोल वसूली जारी, लेकिन सुविधाएँ नदारद—मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडर और उठा लैंटर बने हादसों का कारण

मल्लांवाला (सोनू अटवाल)
मल्लांवाला–फिरोजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग NH-703A (आरिफके के समीप) बना टोल प्लाजा इन दिनों यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र नहीं, बल्कि खतरे का केंद्र बनता जा रहा है। यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों से नियमित रूप से पूरा टोल शुल्क वसूला जा रहा है, लेकिन इसके बदले सुरक्षा, रखरखाव और आपातकालीन सुविधाओं की भारी कमी साफ तौर पर देखने को मिल रही है।
स्थल निरीक्षण के दौरान यह गंभीर तथ्य सामने आया कि टोल प्लाजा पर मोटरसाइकिल और दोपहिया वाहनों के लिए जो अलग लेन छोड़ी गई है, उसकी हालत बेहद खतरनाक है। इस लेन पर लगाए गए डिवाइडर पूरी तरह से टूटे हुए हैं और कई स्थानों पर सड़क पर ही बिखरे पड़े हैं, जिससे वाहन चालकों के फिसलने और टकराने का खतरा बना रहता है। यही नहीं, इसी मोटरसाइकिल लेन के ऊपर बना कंक्रीट लैंटर कई जगह से ऊपर की ओर उठा हुआ है, जो निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषकर कोहरे और रात के समय इस लेन से गुजरना दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
स्थिति को और गंभीर बनाता है कि इल्मेवाला और गुलामीवाला गांव के समीप तथा झामके ओवरब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। घने कोहरे और अंधेरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी रहती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इन स्थानों पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जब इस संबंध में टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों से बात की गई, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी जिम्मेदारी केवल टोल वसूली तक सीमित है। सड़क की मरम्मत, डिवाइडर ठीक कराना, लाइटें चालू कराना या एंबुलेंस एवं फायर सेफ्टी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। मेंटेनेंस विभाग या किसी जिम्मेदार अधिकारी का संपर्क नंबर मांगने पर कर्मचारियों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया।
इस मामले में मेंटेनेंस के गौरव जायसवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर से भी बातचीत की गई। उनसे सवाल किया गया कि जब टोल प्लाजा पर नियमित रूप से टोल वसूला जा रहा है, तो वहां न तो एंबुलेंस की सुविधा है, न प्राथमिक उपचार, न फायर सेफ्टी और न ही पीने के पानी की समुचित व्यवस्था। साथ ही मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडर, उठे हुए लैंटर और बंद स्ट्रीट लाइटों को लेकर भी जवाब मांगा गया, लेकिन इस पर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली और सवालों को टाल दिया गया।
राहगीर गुरप्रीत सिंह ने कहा, “मैं रोजाना इसी मार्ग से गुजरता हूं। मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडर और उठा हुआ लैंटर किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहे हैं।”
वहीं, इल्मेवाला गांव के निवासी सुखदेव सिंह ने बताया, “हाईवे पर लाइटें बंद हैं और टोल प्लाजा पर यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है। सिर्फ टोल वसूली की जा रही है।”
स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से मोटरसाइकिल लेन में टूटे डिवाइडरों की मरम्मत, उठे हुए लैंटर की तकनीकी जांच, सड़क सुधार, स्ट्रीट लाइटों को चालू करने के साथ-साथ टोल प्लाजा पर एंबुलेंस, फायर सेफ्टी और प्राथमिक उपचार जैसी आवश्यक आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से पहले हालात को संभाला जा सके।

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