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जिले में हो रही विभिन्न घटनाओं पर अधिवक्ताओं ने किया मंथन प्रतेक पीड़ित को सम्मान पूर्ण न्याय दिलाना अभियान का मुख्य मकसद एड.कुलदीप बौद्ध

उरई(जालौन)। प्रतेक व्यक्ति को विधिक व क़ानूनी जानकारी हो हर पीड़ित को सम्मान पूर्ण न्याय मिले इसी उद्देश्य को लेकर दलित सम्मान व न्याय केंद्र दुवारा चलाये जा रहे- न्याय तक पहुँच अभियान के तहत जिला न्यायालय के सामने होटल बच्चाराम स्वीट्स में जिले के विभिन्न अधिवक्ताओं(एडवोकेट) के साथ बैठक हुई जिसमे न्याय तक पहुँच अभियान पर जोर दिया गया।
अधिवक्ताओं के साथ बैठक में बक़ीलों ने जिले की आये दिन लगातार घटित हो रही प्रमुख घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए न्यायिक प्रक्रिया पर मंथन किया, सीनियर अधिवक्ता एड.साधना त्रिपाठी, एड.नेहा निरंजन, एड. मतलूब चंदेल,एड. संजू दीक्षित, एड.सौरभ सोनी,एड.अभिषेक पाठक ने न्याय दिलाने की प्रक्रिया में आ रही चुनौतियाँ एवं सफलताओं को साझा किया उन्होंने कहाँ की आज हमें लोगों को विधिक व क़ानूनी अधिकारों पर जागरूक करना होगा व हम अधिवक्ताओं को इसमें महती भूमिका निभानी होगी जितने ज्यादा मजबूत व जागरूक अधिवक्ता तैयार होगे तो लोगों लो न्याय भी मिलेगा व उनकी न्याय के प्रति भरोसा व उम्मीद जागेगी | एड. मंजुलता ने विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर न्याय की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ने पर जोर दिया, एड. रश्मि वर्मा, एड. निकहत परवीन ने महिला हिंसा के केसों बारे में बताया कि कुछ केसों को छोड़कर ज्यादातर केस कोर्ट में चल रहे है, लेकिन बहुत सारे पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नही मिला है, जबकि क़ानून में स्पष्ट प्रावधान दिया गया। एड. इलियास हाईकोर्ट इलाहाबाद ने पीड़ितों के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक के संघर्ष की बात रखी |
दलित सम्मान व न्याय केंद्र के संस्थापक एड.कुलदीप कुमार बौद्ध ने जिले में किये जा रहे दलित अत्याचार/उत्पीड़न, पॉक्सो व महिला हिंसा के केसों की अध्यन पर बात रखते हुये बताया कि पिछले 3 सालों में 254 केसों के अध्यन में पाया की 24 केसों में फाइनल रिपोर्ट लग गयी 168 केस कोर्ट ट्रायल में पहुंचे वाही 62 केस येसे है जिनमे समय सीमा बीत जाने के बाद भी अभी तक चार्जसीट नहीं लगी है इन पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे दलित सम्मान व न्याय केंद्र पुलिस थाने में रजिस्टर्ड होने बाले सभी केसों, अखबारों में प्रकाशित होने बाले केसों का संकलन व पीड़ितों के घर जाकर केसों की फैक्टफाइंडिंग व प्रतेक केस का दस्तावेजीकरण करते हुए पीड़ितों को सम्मान पूर्ण न्याय दिलाने के प्रक्रिया में लगी है आगे न्याय तक पहुँच अभियान को सभी के साथ मिलकर और अधिक मजबूती से प्रयास किया जायेगा ताकि प्रतेक व्यक्ति को सम्मान पूर्ण न्याय मिल सके, आगे और भी येसी मीटिंगे होंगी सभी अधिवक्ताओं ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहयोग करने का आश्वासन भी दिया और सभी ने सामूहिक रूप से भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़कर मीटिंग समाप्त की गयी |
आज की मीटिंग में प्रमुख रूप से – एड. अजहर अहमद, एड. रविकांत गौतम, एड. संगीता सिंह, एड. अंजू चौधरी, एड. अनुराधा बौद्ध, एड.अजय जाटव, एड. भावना श्रीवास, एड. किरन बहरा, एड. अमृता सक्सेना, एड. निर्दोष परिहार, एड. ज्योति तिवारी, एड. अस्मिता, एड. भारत सिंह, एड. मगल सिंह, एड. मयंक राजपूत, एड. शेरसिंह सिंघानिया, एड. अंजना वर्मा, एड. अनुराधा गौतम, एड. रामजी, एड. काजल, एड. लक्ष्मी चौहान, एड, नंदकुमार, एड. अनुराधा, एड. सचिन, एड. आदिल, एड. प्रदीप, आयुष कुमार देबेन्द्र अनिल, टिंकू आदि उपस्थित रहे

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