
बर्खास्तगी का विस्फोट: महिला कंडक्टर का एआरएम पर संगीन आरोप, डीएम ने बैठाई 'जांच'।
बर्खास्तगी का विस्फोट: महिला कंडक्टर का एआरएम पर संगीन आरोप, डीएम ने बैठाई 'जांच'।
बांदा। बांदा रोडवेज डिपो से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे परिवहन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक महिला कंडक्टर ने रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) पर छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप लगाकर प्रशासनिक हलकों में भूचाल ला दिया है। मामला तब और विस्फोटक हो गया, जब सामने आया कि आरोप लगाने से पहले महिला कंडक्टर को एआरएम द्वारा निलंबित किया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। अब जिलाधिकारी जे. रिभा ने पूरे प्रकरण की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं।
परिवहन विभाग द्वारा बसों में चोरी और अनियमितता रोकने के लिए प्रवर्तन टीमें गठित की गई हैं। एआरएम मुकेश बाबू के अनुसार, हाल ही में एक रोडवेज बस की जांच के दौरान महिला कंडक्टर की ड्यूटी वाली बस में 9 यात्री बिना टिकट यात्रा करते पाए गए। जब कंडक्टर से इस संबंध में जवाब मांगा गया तो संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए पहले महिला कंडक्टर को ड्यूटी से हटाकर निलंबित किया गया और जांच पूरी होने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
नौकरी जाने के बाद मामला नया मोड़ ले बैठा। महिला कंडक्टर ने सीधे पुलिस का रुख करते हुए एआरएम मुकेश बाबू पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत को जिलाधिकारी के समक्ष भेज दिया, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर हलचल तेज हो गई। जिलाधिकारी जे. रिभा ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि दोनों पक्षों के बयान, विभागीय दस्तावेज और घटनाक्रम की बारीकी से जांच की जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। डीएम के आदेश के बाद परिवहन विभाग में हड़कंप की स्थिति है।
वहीं, एआरएम मुकेश बाबू ने महिला कंडक्टर के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने शासन के निर्देश पर केवल प्रवर्तन कार्रवाई की थी और 9 बिना टिकट यात्रियों को पकड़ा गया था। इसी वैधानिक कार्रवाई से नाराज होकर महिला कंडक्टर उन पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रही है।