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बाजरा खरीद केंद्र में बड़ा घोटाला उजागर, करोड़ों के गबन का आरोप, रात की गुपचुप खरीद पर प्रशासन की सख्ती—शाम को वेयरहाउस सीज

खेरागढ़। जिले के खेरागढ़ क्षेत्र स्थित बाजरा खरीद केंद्र पर लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मामला अब पूरी तरह उजागर हो गया है। किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि खरीद केंद्र पर नियमों को ताक पर रखकर मार्केटिंग इंस्पेक्टर (एमआई) द्वारा निजी लोगों को रखकर खरीद कराई जा रही थी, जिसके जरिए करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दिया गया। किसानों का कहना है कि यह खेल काफी समय से चल रहा था, लेकिन अब जाकर सच्चाई सामने आई है।

किसानों के अनुसार दिन में खरीद केंद्र पर “खरीद बंद” या “खरीद पूर्ण” के बैनर-पोस्टर लगाकर उन्हें लौटा दिया जाता था, जबकि रात के अंधेरे में वेयरहाउस के अंदर चोरी-छिपे बाजरे की तौल और खरीद जारी रहती थी। जब किसानों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर वेयरहाउस का घेराव कर दिया और खरीद कार्य रुकवा दिया।

विरोध के दौरान स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब किसानों ने आरोप लगाया कि मार्केटिंग इंस्पेक्टर विकास के साथ मौजूद निजी व्यक्ति संजीव सिकरवार ने वीडियो बना रहे युवक का मोबाइल छीनने की कोशिश की। किसानों का कहना है कि संजीव सिकरवार के खिलाफ पहले से दो मुकदमे दर्ज हैं, इसके बावजूद उसे खरीद केंद्र पर प्रभावशाली भूमिका में रखा गया था, जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

घटना के बाद किसानों ने “मार्केटिंग इंस्पेक्टर मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। सूचना पर उप जिलाधिकारी खेरागढ़, एसडीएम ऋषि राव, एडीएम (एफआर) शिवांगी शुक्ला तथा कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामनाथ सिकरवार मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

विधायक ने पहले ही जताई थी गंभीरता
गौरतलब है कि विधायक खेरागढ़ भगवान सिंह कुशवाह ने कुछ दिन पहले ही बाजरा खरीद केंद्र में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया था। साथ ही वे लगातार संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसके बावजूद खरीद केंद्र पर अनियमितताएं जारी रहने का आरोप किसानों ने लगाया है।

शाम को प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ऋषि राव ने शाम के समय तत्काल कार्रवाई करते हुए बाजरा खरीद केंद्र के वेयरहाउस को सीज कर दिया। साथ ही पूरे मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गबन और अनियमितताओं की परतें खोली जा सकें।
कार्रवाई के दबाव में बिगड़ी एमआई की तबीयत
सूत्रों के अनुसार प्रशासनिक कार्रवाई और जांच के दबाव के बीच मार्केटिंग इंस्पेक्टर की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेरागढ़ ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत को देखते हुए आगरा रेफर कर दिया गया।
शिवांगी शुक्ला, एडीएम (एफआर)
खरीद केंद्र को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जिलाधिकारी के निर्देश पर मौके पर जांच की गई है। पूरे मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ ठोस और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल वेयरहाउस सीज कर दिया गया है और प्रशासनिक जांच जारी है। किसानों ने मांग की है कि पूरे गबन की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों व निजी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो तथा बाजरा खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए, ताकि भविष्य में किसानों के साथ इस तरह का अन्याय न हो।

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