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मुजफ्फरपुर से सीधे कनेक्ट होगा बंगाल, 5 प्रखंडों के 38 गांवों से गुजरेगी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे

🔥 मुजफ्फरपुर से सीधे कनेक्ट होगा बंगाल, 5 प्रखंडों के 38 गांवों से गुजरेगी रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे

मुजफ्फरपुर में रूट और कवरेज
🛣️ एक्सप्रेस-वे लगभग 50 किमी तक मुजफ्फरपुर ज़िले से गुज़रेगा और इसे पहला सिक्स-लेन हाईवे देगा।

🏘️ यह 5 प्रखंडों के 38 गांवों से होकर गुज़रेगा – मीनापुर के 5, औराई के 3, बोचहां के 13, तथा गायघाट और कटरा के 17 राजस्व ग्राम शामिल हैं।

📍 मीनापुर क्षेत्र में गौरीगामा, टेंगराहां गोसाईपुर, मजतिस माधो उर्फ़ छपरा, रामपुर हरि, मदारीपुर कर्ण जैसे गांव जबकि बोचहां और गायघाट में भी दर्जनों राजस्व गांव सीधे कॉरिडोर से जुड़ेंगे।

कनेक्टिविटी और यात्रा समय में लाभ
🔗 यह ग्रीनफील्ड एक्सेस‑कंट्रोल्ड एक्सप्रेस‑वे रक्सौल (नेपाल बॉर्डर) से शुरू होकर पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर (ताजपुर, मुसरीघरारी, दलसिंहसराय), बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बांका होते हुए सीधे हल्दिया पोर्ट (पश्चिम बंगाल) तक जाएगा।

⏱️ रक्सौल–हल्दिया के बीच का सफ़र मौजूदा लगभग 19–20 घंटे से घटकर करीब 10–11 घंटे रह जाने का अनुमान है।

🚗 मुजफ्फरपुर से पश्चिम बंगाल बॉर्डर की यात्रा भी लगभग 15 घंटे से घटकर करीब 8 घंटे में पूरी हो सकेगी, क्योंकि इस एक्सप्रेस‑वे पर वाहनों की औसत स्पीड 100–120 किमी/घं तक रखी जा सकेगी।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर
💼 तेज़ सड़क कनेक्टिविटी से कृषि उत्पादों, औद्योगिक सामान और लॉजिस्टिक्स की आवाजाही सस्ती और तेज़ होगी, जिससे मुजफ्फरपुर और आसपास के ज़िलों में निवेश और रोज़गार के नए अवसर खोलेंगे।

🧱 एक्सप्रेस‑वे के साथ‑साथ नए वेयरहाउस, ट्रक ले–बे, लॉजिस्टिक पार्क, होटल और सर्विस सुविधाएँ विकसित होने की पूरी संभावना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी।

वर्तमान स्थिति
📑 परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है; विभिन्न प्रखंडों में सर्वे, मुआवज़ा निर्धारण और अधिसूचना की कार्यवाही चल रही है।

🧭 पूरा हो जाने पर यह कॉरिडोर उत्तर बिहार, नेपाल और पूर्वी भारत के बंदरगाहों के बीच सबसे तेज़ सड़क मार्ग बनेगा, जो लंबे समय तक क्षेत्रीय विकास की रीढ़ का काम करेगा ।

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