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जिले में कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में बड़ा अभियान, 6 दिन में 2 लाख से अधिक लोगों की जांच 16 नए मरीज चिन्हित

राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एफ. आर. निराला की सतत मॉनिटरिंग में जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने की दिशा में सघन खोज अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिलेभर में कुष्ठ रोग की पहचान हेतु विशेष जांच अभियान जारी है।

यह अभियान 8 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है। अभियान के पहले 6 दिनों (8 से 13 दिसंबर) में कुल 2 लाख 3 हजार 611 लोगों की जांच की जा चुकी है। इस दौरान 490 शंकास्पद मरीज पाए गए, जिनमें से 168 मरीजों का सत्यापन पूर्ण किया जा चुका है। सत्यापन उपरांत अब तक कुल 16 नए कुष्ठ रोगियों की पहचान की गई है। इनमें 7 मरीज पीबी (पॉसीबैसिलरी) तथा 9 मरीज एमबी (मल्टीबैसिलरी) श्रेणी के हैं। सभी चिन्हित मरीजों का उपचार प्रारंभ कर दिया गया है।

अभियान के तहत मितानिन अपने पारा-मोहल्ला के प्रत्येक घर में जाकर दो वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों की जांच कर रही हैं। लक्षणों के आधार पर शंकास्पद मरीजों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। यह सूची एमटी, प्रभारी डॉक्टर, आरएचओ अथवा सीएचओ के माध्यम से प्रारंभिक जांच के बाद संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सौंपी जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल ऑफिसर द्वारा सूचीबद्ध मरीजों को बुलाकर सत्यापन किया जा रहा है। कुष्ठ की पुष्टि होने पर मरीजों का पंजीयन कर दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी की जाती है, तत्पश्चात उन्हें सुपरवाइजरी डोज खिलाई जाती है एवं एमडीटी दवाएं प्रदान की जाती हैं। आगे की दवा की स्ट्रिप मरीजों को मितानिन के माध्यम से उनके गांव में ही उपलब्ध कराई जाती है। मरीजों को नियमित उपचार एवं सावधानियों के संबंध में काउंसलिंग भी की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे जांच अभियान में सहयोग करें और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कराएं, ताकि समय रहते उपचार शुरू किया जा सके।

कुष्ठ रोग की शंका कब करें :
यदि शरीर के किसी भी भाग की त्वचा के रंग में बदलाव के साथ सुन्नपन हो, धब्बों में मोटापन या उभार दिखे, चेहरा तेलिया व चमकदार हो, त्वचा या कान में गठानें हों, चेहरे या आंखों से संबंधित समस्या हो, भौंहों के बाल झड़ने लगें, नाक चपटी प्रतीत हो, नसें मोटी दिखाई दें, कोहनी, घुटना या एड़ी में असामान्य दर्द या झुनझुनी हो, दाग-धब्बों वाली जगह पर गर्म-ठंडे का अहसास न हो, हथेली या पैरों में सुन्नपन हो, तलवे में बिना दर्द के घाव बनें या घाव भरने में समय लगे, हाथ-पैर की उंगलियों में कमजोरी या मुड़ाव हो, वस्तु पकड़ने में कठिनाई हो, बटन लगाने में परेशानी हो, चप्पल पैर से निकल जाए और पता न चले—तो इसे कुष्ठ रोग की शंका मानकर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करानी चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि कुष्ठ रोग पूरी तरह से इलाज योग्य है और समय पर पहचान व नियमित उपचार से इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है।

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