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"शोपीस" बनी लाखों की सरकारी योजना: ?
ग्राम पंचायत कटगोडी में बनी पानी की टंकी वर्षों से है निष्क्रिय; ?
ग्राम पंचायत कटगोडी में बनी पानी की टंकी वर्षों से है निष्क्रिय; ?
जनता पानी को तरसी
(पानी की टंकी) पिछले कई वर्षों से बनकर तैयार होने के बावजूद आज तक चालू नहीं हो पाई है। ?
यह सरकारी निर्माण अब ग्रामीणों के लिए एक "सफेद हाथी" और "नमूने" (शोपीस) से ज़्यादा कुछ नहीं है। ?
💧 परियोजना का उद्देश्य धरातल पर विफल
सरकारी उपेक्षा का उदाहरण. ?
लाखों रुपये की लागत से यह जल भंडारण टैंक स्थानीय निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था। ?
इसके निर्माण को हुए कई वर्ष बीत चुके हैं, पर विडंबना यह है कि टंकी में आज तक एक बूँद भी पानी नहीं भरा गया है। ?
पाइपलाइनें बिछ चुकी हैं, मोटरें लग चुकी हैं, लेकिन "बस चालू करने" की अंतिम प्रक्रिया सरकारी फाइलों और अधिकारियों की उदासीनता के बीच कहीं अटक गई है। ?
* स्थिति: निर्माण कार्य पूर्ण, पर पूरी तरह निष्क्रिय।?
* जनता की समस्या: ?
ग्रामीणों को आज भी दूर-दराज के स्रोतों से दूषित पानी लाना पड़ रहा है?
, जबकि उनके सिर पर पानी की विशाल टंकी खड़ी है।
🗣️ स्थानीय लोग आक्रोशित: "टंकी नहीं, यह सरकारी योजना की विफलता का स्मारक है" ?
ग्रामीणों में इस योजना को लेकर भारी आक्रोश है। स्थानीय निवासी रमेश साहू ने मीडिया को बताया, "यह सिर्फ एक टंकी नहीं है, यह दिखाता है कि सरकार की योजनाएं कैसे ज़मीन पर आकर दम तोड़ देती हैं। ?
हम प्यासे हैं और पानी की टंकी सालों से हमारा मज़ाक उड़ा रही है।" ?
ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने भी कई बार ऊपरी अधिकारियों को पत्र लिखे हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। ?
📜 राष्ट्रीय महत्व का प्रश्न: क्या है जवाबदेही?
यह मामला केवल ग्राम पंचायत कटगोडी का नहीं है, बल्कि यह देश भर में सरकारी परियोजनाओं की निगरानी, समय पर क्रियान्वयन और जनता के प्रति जवाबदेही पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। ?
* प्रश्न: ? जब निर्माण पूरा हो चुका है, तो किन तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनों के कारण इसे चालू नहीं किया जा रहा है ?
ग्राम पंचायत गड़बड़ी की जनता को शुद्ध पेयजल मिलना चाहिए
स्वच्छ पेयजल – मिल सके।
ग्राम पंचायत कटगोड़ी
खबर/जन जन की आवाज