logo

मौजूदा न्याय व्यवस्था की दयनीय सोचनीय अव्यवहारिकता में चाहिए व्यापक प्रभावशाली बदला

चंडीगढ़ नयी दिल्ली 06.12.2025 अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति---उच्चतम कोर्ट में एक एसिड अटैक केस की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने हमारे पूरे न्यायिक सिस्टम पर कड़ा प्रहार किया है। 2009 में दिल्ली में शुरू हुआ यह मामला आज भी लंबित है—16 साल बाद भी इंसाफ का इंतजार! चीफ जस्टिस ने बेंच से साफ-साफ बोला कि “यह हमारे कानूनी सिस्टम का मजाक है! अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ही ऐसे मामलों को समय पर निपटा नहीं पा रही। तो देश के बाकी हिस्सों से क्या उम्मीद की जाए? यह बेहद शर्मनाक स्थिति है।”
सीजेआई ने न सिर्फ इस मामले पर नाराजगी जताई, बल्कि पूरे देश में एसिड अटैक केसों की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. और फास्ट-ट्रैक कोर्ट्स की व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश भी दिए हैं। यह बयान वाकई में पूरे सिस्टम पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है—कब तक ‘तारीख पर तारीख’ का यह सिलसिला चलेगा? कब होंगें ठोस सुधार, जैसे ज्यादा जजों की भर्ती, डिजिटल ट्रायल की तेजी, और कोलेजियम सिस्टम में बदलाव?
देश की जनता नवनियुक्त जस्टिस सूर्यकांत से बड़ी उम्मीदें लगाए है। अगर ऐसे ही पारदर्शिता और गति आए, तो न्यायपालिका मजबूत और प्रादर्शी बनेगी। हर नागरिक को सूर्यकांत जी से न्याय प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की सकारात्मक ऊर्जा वान उम्मीद जगी है.साभार.

13
1388 views