logo

बलात्कार के केस को खत्म करने की साजिश -परिवार के सदस्य पर केस FIR 378/2019 - 376 sec Jaipur Rajasthan v/s FIR 44/2025 Indore MP -409 & 420&66

जयपुर राजस्थान में बलात्कार की घटना घटी अक्टूबर 2015 में, मई 2019 में बहुत कोशिश के बाद मामला दर्ज हुआ और FIR 378/2019

2025 तक मामले में अभियुक्त कभी पकड़ा ही नहीं गया। पुलिस ने मामला झूठा बताकर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिया और पुनः जांच की कभी रिपोर्ट जमा ही नहीं की गयी।

सितम्बर 2025 में परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी इन्दौर मध्यप्रदेश में की जाती है और इन्दौर जिला जेल भेज दिया था। FIR 44/2025 ---- 22 लाख की ठगी की है।

चालान प्रस्तुत नहीं हुआ पर बेल लें सकते हो कहकर परिवार से 40,000/- लें लिए गये। BA/4065/2025 इन्दौर जिला न्यायालय।
बेल एप्लिकेशन रद्द कर दी जाती है।

फिर मानसिक तनाव देने का खेल शुरू किया जाता है। हाईकोर्ट में बेल के 1,00,000/- दो। जेल में फोन पर बात नहीं करवाना, महीने में एक बार ही वीडियो कांफ्रेंसिंग होगी, आपके वकील से बात नहीं होगी , हम जो वकील कहेंगे वही केस देखेगा। मजेदार बात 16/10/2025 को जिला सेशन कोर्ट में बेल खारिज के बाद हाईकोर्ट में बेल एप्लिकेशन लगने ही नहीं दी गयी कि मामले में एक और महिला कर्मचारी गिरफ्तार हुई है जब तक उसकी जमानत नहीं होती आपके परिवार के सदस्य की जमानत अर्जी भी नहीं लगेगी।

28 सितम्बर 2025 से ये खेल चल रहा है। आज 5 दिसम्बर 2025 हो गयी व्यक्ति जेल में। पहले कहा गया चालान पेश होगा तब जमानत अर्जी लग जायेगी । चालान चुपचाप प्रस्तुत हो गया और RCT/ 8863/2025 में चुपचाप निचली अदालत में प्रस्तुत भी हो गया। और केस सम्बंधित सेशन कोर्ट को भेज दिया गया । आर्डर अपलोड नहीं आनलाइन जबकि 28/11/2025 को Disposed हो गयी है।

महिला की पहली बेल BA/ 4002/2025 इन्दौर जिला न्यायालय में खारिज हो गयी। एक हाईकोर्ट में MCRC/ 49157 /2025 खारिज हो गयी। दूसरी बेल 22/11/2025 को लगाई गयी जिस पर निर्णय नहीं आया है। दूसरी बेल एप्लिकेशन MCRC/ 54475/2025 मध्यप्रदेश की इन्दौर बेंच में सुनी जानी है।

न्याय व्यवस्था का खुले आम मजाक उड़ाया जा रहा है । हम कहते हैं न्यायालय में केस ज्यादा है इसलिए न्याय नहीं मिलता। जबरदस्ती के मुकदमे होंगे तो मुकदमो की संख्या बढ़ेगी ही। जेलों में कैदी बढ़ेंगे क्योंकि उन्हें घर जाने ही नहीं दिया जाता है।

घर वाले इन्दौर जाते हैं तो उनके पैसे चोरी करवाये जाते हैं , सामान चोरी करने का प्रयास होता है, बसे गायब हो जाती है वापसी की इन्दौर से जयपुर लौटना मुश्किल कर देते हैं। बस के चार्जर पाइन्ट खराब कर देते हैं कि चार्ज करो कैसे करोगे। आधी रात को बस से नीचे उतार देना। कन्फर्म टिकट न देना।

विचाराधीन कैदियों के नाम पर जिन पर जुर्म साबित ही नहीं होता उन्हें यो जेल में बन्द करना भी ग़लत कहा जायेगा। खुला बन्दी शिविर की तरह एक अलग व्यवस्था की जरूरत है कि वो परिवार से मिल सके , अपने निर्दोष होने के सबूत जुटा सके वह अपने लिए पैसे की व्यवस्था कर सके। अभी तो परिवार से कहा जा रहा है 22 लाख लाओ सदस्य को घर ले जाओ।

इन्दौर क्राइम ब्रांच ने रेरा राजस्थान से रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट RERA/ RAJ/ P/2021/1511 को क्यों फर्जी कहा , इसका जवाब वही दे सकती है। सम्बंधित व्यक्ति पर क्यों हमले हुए और षड्यंत्र रचकर पार्टनर ने पैसे गायब कर क्यों प्रोजेक्ट पर काम पूरा नहीं होने दिया ये प्रश्न भी विचार करने पर मजबूर करता है। एक व्यक्ति ही क्यों गिरफ्तार हुआ , दूसरे तीन पार्टनर क्यों गिरफ्तार नहीं हुए। महिला कर्मचारी को क्यों गिरफ्तार कर इतने दिन जेल में रखा गया है। परिवार को केस डायरी के तथ्य क्यों नहीं दिखाये गये , हर बात छिपाने के पीछे वजह तो होती ही है।

बलात्कार का केस बंद करवाना जो जयपुर राजस्थान में है।

बबीता वाधवानी
जयपुर राजस्थान
बलात्कार पीड़िता

3
600 views