
दालमंडी ध्वस्तीकरण के लिए विरोध में बच्चों संग सड़क पर बैठी महिलाएं, बोलीं, बुलडोजर चला दें पर पीछे नहीं हटेंगे
वाराणसी। दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए भवनों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ मंगलवार को मुस्लिम महिलाएं विरोध में उतर आईं। महिलाएं बच्चों के साथ सड़क पर बैठ गईं। इस दौरान अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। बोलीं, प्रशासन भले ही बुलडोजर चलवा दे, लेकिन अब पीछे नहीं हटेंगी। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मौके पर भारी फोर्स तैनात रही।
धरने पर बैठी महिलाओं ने आरोप लगाया कि वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) जबरदस्ती घर खाली करवाने का दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि कई परिवार वर्षों से यहां रह रहे हैं, लेकिन अब अचानक चौड़ीकरण के नाम पर उन्हें विस्थापित किया जा रहा है। महिलाओं ने साफ शब्दों में ऐलान किया कि वे किसी भी कीमत पर अपने घर नहीं छोड़ेंगी।
धरने में शामिल महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक कार्रवाई मानवता के विरुद्ध है और गरीब परिवारों को बेघर करने की कोशिश की जा रही है। महिलाओं के धरने के कुछ ही घंटों के भीतर स्थिति और गंभीर हो गई, जब हजारों मुस्लिम युवक उनके समर्थन में सड़क पर उतर आए। आसपास की गलियों और मुख्य सड़कों पर भीड़ बढ़ गई, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
बाजार के व्यापारियों ने सुरक्षा के मद्देनज़र अपनी दुकानें बंद कर दीं, जिसके चलते दालमंडी और आसपास का क्षेत्र पूरी तरह ठप हो गया। विरोध कर रहे लोगों का कहना रहा कि वे चौड़ीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन प्रशासन को पहले उचित मुआवजा, पुनर्वास और वैध दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। बिना सुनवाई और बिना नोटिस किसी के घर को तोड़ना अनुचित है।
उनका आरोप है कि वीडीए अवैध तरीके से कार्रवाई कर रहा है और लोगों की बात सुने बिना घर खाली करवाने की कोशिश की जा रही है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं। हालांकि, महिलाओं का कहना रहा कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, वे पीछे नहीं हटेंगी। प्रशासन स्थिति को शांतिपूर्ण बनाने की कोशिश में जुटा रहा।