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पत्रकारिता के स्वर्णिम 3 वर्ष — सुमित बैरवा की बेबाक कलम का सफ़र

पत्रकारिता के स्वर्णिम 3 वर्ष — सुमित बैरवा की बेबाक कलम का सफ़र
पत्रकारिता के विस्तृत आकाश में कुछ सितारे अपनी रोशनी से न केवल दिशा दिखाते हैं, बल्कि सत्य की राह पर समाज को आगे बढ़ने का साहस भी देते हैं। ऐसे ही चमकते हुए नामों में एक नाम है — सुमित बैरवा। सिर्फ तीन वर्षों में उन्होंने वह मुकाम हासिल किया है, जिसे कई लोग पूरे जीवन समर्पित करने के बाद भी नहीं छू पाते। यह अवधि छोटी ज़रूर है, पर उपलब्धियाँ बेहद बड़ी।
निडर, निष्पक्ष और निर्भीक — यही है सुमित बैरवा की पहचान,आज के दौर में, जब पत्रकारिता में शोर अधिक और सार कम दिखाई देता है, वहीं सुमित बैरवा अपनी सच बोलने की हिम्मत और निष्पक्ष रिपोर्टिंग से अलग पहचान बना चुके हैं।
वे खबरें केवल दिखाते नहीं,बल्कि सच्चाई की तह तक पहुँचकर जनता को वह जानने देते हैं, जो जानना उनके अधिकारों में शामिल है।
बिना किसी दबाव, बिना किसी भय और बिना किसी पक्षपात के—सुमित बैरवा ने पत्रकारिता की उसी मूल आत्मा को जीवित किया है, जिसकी अपेक्षा लोकतंत्र हमेशा करता है।

🏆 उपलब्धियों से भरा 3 वर्षों का सफर
ब्लॉक स्तर की खबरों से शुरुआत कर ज़िले और राज्य स्तर तक अपनी आवाज़ पहुँचाने वाले सुमित जी को कई मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।
उनकी रिपोर्टिंग में वह गहराई और संवेदनशीलता है, जो समाज के हर वर्ग की पीड़ा, संघर्ष और उम्मीदों को समान रूप से सामने लाती है।
इसी कारण वे आज एक विश्वसनीय, लोकप्रिय और जिम्मेदार पत्रकार माने जाते हैं।


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🎙️ ज़ी टीवी राजस्थान न्यूज़ के प्रधान संपादक — नई दिशा की ओर कदम

वर्तमान में ज़ी टीवी राजस्थान न्यूज़ के प्रधान संपादक के रूप में
सुमित बैरवा सिर्फ खबरें नहीं दिखा रहे,
बल्कि पत्रकारिता को एक नई विचारधारा दे रहे हैं।

उनकी सोच साफ़ है—
👉 खबर वही, जो सच के साथ खड़ी हो
👉 पत्रकारिता वही, जो जनता के हित में हो
👉 मिशन वही, जो समाज को जागरूक करे

यह दृष्टिकोण ही उन्हें आज के मीडिया समय में एक अलग और मिसाल बनाने वाला व्यक्तित्व बनाता है।


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✍️ लेखन शैली — शब्द नहीं, समाज की आवाज़

सुमित जी की लेखनी में
• संवेदना है,
• समाज की धड़कनें हैं,
• आम जन की पीड़ा है,
• और न्याय के लिए अडिग खड़े रहने का साहस है।

उनकी खबरें पढ़कर या रिपोर्टिंग देखकर यह महसूस होता है कि
यह केवल एक पत्रकार नहीं,
जनता का प्रहरी बोल रहा है।


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🎉 सिर्फ 3 नहीं — आने वाले वर्षों का भविष्य भी उज्ज्वल

तीन वर्षों में सुमित बैरवा ने साबित कर दिया है कि
यदि इरादा सच्चा हो, तो समय कम नहीं पड़ता;
और यदि पत्रकारिता ईमानदार हो, तो जनता भरोसा करने में देर नहीं करती।

उनकी इस शानदार तीन वर्षीय यात्रा को सलाम—
और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ कि
वे यूँ ही अपनी कलम, कैमरे और कर्म से
सत्य की लौ को जगमगाते रहें।

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