नासिक मे राजनीति की बढ़ती हलचल और जनता की जागरूकता....एक लेख
नासिक में हाल की राजनीतिक गतिविधियों ने चुनावी माहौल को गर्म कर दिया है। अलग-अलग दलों की रणनीतियाँ और भीतर की खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी हैं। हर पार्टी अपनी ताकत दिखाने में लगी है, और इसी कारण स्थानीय स्तर पर बैठकों, दौरे और बयानों की रफ़्तार भी बढ़ गई है।इन सबके बीच सबसे दिलचस्प बदलाव यह है कि आम लोगों की दिलचस्पी भी पहले की तुलना में बढ़ी है। मोहल्लों में चर्चा है कि अगले चुनाव शहर को किस दिशा में ले जाएंगे। कुछ लोग कामकाज और विकास योजनाओं की बात कर रहे हैं, तो कुछ नेतृत्व के बदलाव पर नजर रखे हुए हैं। इससे साफ है कि मतदाता अब सिर्फ भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहते। वे समझना चाहते हैं कि उनके वोट का मतलब क्या है और किसके पास ठोस योजना है।यह बढ़ती जागरूकता किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है। लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी आती है। हर नागरिक को चाहिए कि वह जानकारी सही स्रोत से ले, अफवाहों से बचें और भावनाओं के बजाय ठोस मुद्दों को महत्व दे। नेताओं के वादे आकर्षक हो सकते हैं, लेकिन चुनाव के बाद वही वादे कसौटी पर कसते हैं।आने वाला चुनाव नासिक के लिए सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि दिशा तय करने का मौका है। जनता जितनी सजग होगी, शहर का भविष्य उतना ही मजबूत होगा।राईट हेडलाईन्स ब्युरो