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श्रीलंका के मरीज को राइनोजेनिक सरदर्द से मुक्ति, 10 वर्ष की पीड़ा का अंत: कोटा के डॉ. विनीत जैन ने किया दुर्लभ नाक रोग का सफल उपचार।

कोटा। दस वर्षों से राइनोजेनिक हेडेक (Rhinogenic Headache) जैसी दुर्लभ समस्या से जूझ रहे श्रीलंका के निवासी ज्ञान कविशका को अंततः कोटा में राहत मिली है। अनेक देशों में उपचार के बाद भी समाधान न मिल पाने पर उन्होंने कोटा के महावीर जैन ईएनटी हॉस्पिटल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. विनीत जैन से संपर्क किया।

ज्ञान कविशका ने बताया कि वे लंबे समय से इस समस्या से पीड़ित थे। 2018 में कोलंबो में सर्जरी कराई, पर कोई लाभ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने दुबई और अमेरिका में भी परामर्श लिया, परन्तु उच्च सेप्टल डेविएशन के कारण होने वाले इस विशेष प्रकार के सिरदर्द का समाधान कहीं नहीं मिल पाया। हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें एंटीडिप्रेसेंट दवाओं पर भी रखा गया।

लगातार संपर्क और विस्तृत चर्चा के बाद उन्हें विश्वास हुआ कि डॉ. विनीत जैन उनकी समस्या का सही निदान कर सकते हैं। जांच रिपोर्टें देखने के बाद डॉ. जैन ने उनकी नाक की संरचना में एक अत्यंत दुर्लभ विकृति की पुष्टि की, जो सिरदर्द का मुख्य कारण थी।

कोटा पहुंचने पर डॉ. जैन ने एंडोस्कोपिक तकनीक से दो घंटे की जटिल सर्जरी कर कविशका का उपचार किया। लगभग दस दिन तक अस्पताल में निगरानी में रखने के बाद उन्हें पूर्णतः स्वस्थ पाया गया। अब उनका वर्षों पुराना सिरदर्द समाप्त हो चुका है और वे उन सभी दवाइयों से मुक्त हैं, जिन्हें वे एक दशक से ले रहे थे।

ज्ञान कविशका ने कोटा में अपने उपचार को “जीवन बदल देने वाला अनुभव” बताते हुए कहा कि वे डॉ. विनीत जैन के अत्यंत आभारी हैं। स्वस्थ होने के बाद उन्होंने कोटा के चंबल रिवर फ्रंट का भी अवलोकन किया और कोटा शहर की चिकित्सा सुविधाओं की सराहना की।

दुबई में कार्यरत कविशका अब संतुष्टि के साथ श्रीलंका वापस लौट गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस सफल उपचार ने कोटा को एक बार फिर चिकित्सा सेवाओं में अपनी विशेष पहचान दिलाई है।

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