
राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस पर अधिवक्ता अनुज कुमार सिंह ने कहा—सभी के लिए न्याय और कानूनी जागरूकता जरूरी
वाराणसी। प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को देशभर में राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस मनाया जाता है। 1994 में किए गए संशोधन के बाद कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 को 9 नवंबर 1995 से लागू किया गया था। इसी दिन को याद करते हुए इस दिवस की शुरुआत सर्वोच्च न्यायालय ने की, ताकि समाज में कानून एवं न्याय व्यवस्था के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
अधिवक्ता अनुज कुमार सिंह ने बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक, चाहे वह आर्थिक रूप से कमजोर हो, महिला हो, किसी आरक्षित वर्ग से आता हो, दिव्यांग हो या किसी और सामाजिक चुनौती का सामना कर रहा हो—उसके लिए न्याय पाने के दरवाजे हमेशा खुले रहें। उन्होंने कहा कि संविधान सभी को समान न्याय का अधिकार देता है। ऐसे में यह जरूरी है कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक मुफ्त कानूनी सहायता और कानूनी सलाह उपलब्ध हो। अदालतों का उद्देश्य केवल निर्णय देना नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना है। इसलिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस आमजन में यह भरोसा कायम करता है कि न्याय सबके लिए है और उसका लाभ पाने में कोई बाधा नहीं। अधिवक्ता अनुज सिंह ने बताया कि इस अवसर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, कानूनी शिविरों और लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है,ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग हों और जरूरत पड़ने पर कानून का सहारा लेने में संकोच न करें। उन्होंने अपील की कि समाज के हर व्यक्ति को कानून के प्रति जागरूक होना चाहिए, क्योंकि जहां अधिकारों की जानकारी होती है, वहीं न्याय संभव होता है।