
सरकार की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनी बैंकों का सर दर्द, लोग फर्जी कोटेशन एस्टीमेट देकर ले रहे लोन कर रहे योजना का दुरुपयोग।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनी बैंकों का सर दर्द, बैंकों को धोखा दे लोग ले रहे फर्जी कोटेशन पर लोन, जांच में फंसने पर लाभार्थी पुलिस में शिकायत कर बैंकों के ऊपर बना रहे दबाव।
सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का लाभ लोग गलत तरीके से फर्जी बिल बाउचर कोटेशन एस्टीमेट पर ले रहे हैं और जब बैंक के अधिकारी कर्मचारी जब व्यापार स्थल का निरीक्षण करने जा रहे हैं तो वहां उत्पादन की जगह रिटेल दुकान मिलने पर बैंक लोन खाते पर होल्ड लगा रहे हैं तो लाभार्थी पुलिस में शिकायत दर्ज कर बैंक के कर्मचारी अधिकारियो के ऊपर रिश्वत मांगने का झूठा आरोप लगाकर बैंकों को परेशान कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का उद्देश्य स्व उद्यमिता को प्रोत्साहन देना है ताकि लोग स्वयं कोई सामान उत्पादन कर और लोगों को रोजगार दें और देश का विकास हो पर इस योजना का दुरुपयोग जोरों पर हो रहा है लोग ये लोन लेने के लिए फर्जी कोटेशन एस्टीमेट बिल देकर सामान खरीदने के नाम पर फर्म वालों को कमिशन देकर सामान के बदले पैसा ले रहे हैं और बैंक के जांच में जब मामले का खुलासा हो रहा है तो लोग बैंकों के ऊपर रिश्वत का आरोप लगाकर बेवजह परेशान कर रहे हैं जिससे ये योजना बैंकों के लिए सर दर्द बन चुकी है, सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज की एक महिला स्वाति जायसवाल पीएनबी बैंक डाला से चोपन में मछली चारा दाना के उत्पादन के लिए लोन ली और फर्जी बिल बाउचर कोटेशन एस्टीमेट बिल देकर उसने कास्मेटिक की दुकान रॉबर्ट्सगंज में खोल दिया जो इस योजना के विपरीत कार्य है जब बैंक के कर्मचारी अधिकारियो द्वारा उसके घर व्यापार स्थल का निरीक्षण किया गया तो उसने कोई उत्पादन का कार्य नहीं किया बल्कि उस स्थान से हटकर दूसरे जगह दुकान खोल दिया जांच में अधिकारी गए तो उन्हें रिश्वत मांगने के नाम पर पुलिस में शिकायत दर्ज कर दिया जबकि इन मामलों में पुलिस की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए क्योंकि किसी को लोन देना न देना बैंक के पूर्ण विवेक पर निर्भर है और मानक न पूरा करने पर बैंक लोन रिजेक्ट कर सकते हैं लोन हो गया है तो उसे होल्ड कर लाभार्थी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं पर यहां तो ये स्थिति है कि बैंक ही लोन देकर परेशान हो जा रहे हैं, मिली जानकारी के अनुसार बैंक के शाखा प्रबंधक ने अपने उच्चाधिकारियों को लिखित कारण बताते हुए सूचना दे दी है पर अभी तक उक्त महिला के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही की सूचना प्राप्त नहीं है जबकि बैंकिंग अधिनियम में बैंक चाहें तो गलत जानकारी या धोखा देकर लोन लेना या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना एक दंडनीय अपराध है और बैंक लोन लेने वाले के खिलाफ विधिक कार्यवाही कर सकता है।