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जब रखवाले ही लूटने लगें...

कहते हैं – पुलिस जनता की रखवाली के लिए होती है।
पर अब जनता पूछ रही है "रखवाली कौन करेगा पुलिस की?"

पंजाब में एक और शर्मनाक कहानी सामने आई है –DIG हरचरण सिंह भुल्लर, जो कानून के रक्षक कहलाते थे,
CBI के हत्थे चढ़ गए रिश्वतखोरी के आरोप में।
उनके घर से बरामद हुआ – नोटों का पहाड़, सोने की चमक और लग्जरी गाड़ियों की चाबियाँ।
लोग बोले –"साहब के घर में तो ED की एक्सपो लग गई!"

अब जनता के मन में सवाल...
अगर DIG ही डीलिंग में लगे हों, तो थानेदार बेचारा क्या करेगा?
अगर रिश्वत अब व्हाट्सएप कॉल से तय हो रही हो, तो FIR लिखाने वाला आम आदमी किस ऐप पर जाए?

पंजाब पुलिस का नया नारा शायद ऐसा होना चाहिए –सेवा भी, पानी भी– और बाकी सब तो ऑनलाइन ही!"

भ्रष्टाचार की इस स्याही ने वर्दी का रंग फीका कर दिया है। हरचरण सिंह भुल्लर का नाम अब "हर-चरण" नहीं, "हर-चार्ज शीट" बन चुका है।
और जनता की आंखों में वही पुराना सवाल चमक रहा है –
"जब कानून के रखवाले ही बिक जाएं, तो न्याय किस दुकान पर मिलेगा?"

पंजाब पुलिस का पुराना नारा था -"सेवा ते सुरक्षा"
अब लोग मज़ाक में कहते हैं "सेवा ते सुधार ते रिश्वत भी ऑनलाइन!"

कहा जा रहा है कि रिश्वत के सौदे अब व्हाट्सएप कॉल पर होते हैं। अब तो लगता है कि पंजाब पुलिस को नया एप लॉन्च करना चाहिए - "LawPay — Your Legal Payment Partner!"

जब जनता FIR के लिए लाइन में खड़ी रहती है, तो अफसर साहब ऑनलाइन रिश्वत की डील पक्की कर रहे होते हैं। कानून की किताब अलमारी में धूल खा रही है, पर रिश्वत की रेटलिस्ट रोज़ अपडेट हो रही है।

🚨 जनता का सवाल — भरोसा किस पर करें?
एक ओर सरकार कहती है "ज़ीरो टॉलरेंस टू करप्शन", दूसरी ओर DIG साहब के घर से निकलते हैं करोड़ों के नोट। अगर बड़े अफसर ही डीलिंग में हों, तो नीचे का सिस्टम क्या करेगा?

क्या जनता भरोसा करे उस व्यवस्था पर, जहाँ शिकायत करने वाला डरता है, और रिश्वत लेने वाला अपनी मूंछों पर ताव देता है?

✒️ Piyush Soni
Chief Editor
The Hind News
Contact : +91 9463439313
अगर लेख पसंद आए तो संपर्क करके प्रोत्साहित कर सकते हैं, मैं भी सभी पत्रकारों के साथ जुड़ने का एक्षुक हूं।

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