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छठ महापर्व पर उमड़ा जनसैलाब, सूर्योपासना के दृश्य ने मोहा मन

शाहगंज (जौनपुर):
सूर्य उपासना और लोकआस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सोमवार की शाम शाहगंज के प्रख्यात बौलिया मंदिर शीतला चौकियाँ धाम में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों श्रद्धालु, महिलाएं और परिवारजन मंदिर परिसर तथा समीपवर्ती सरोवर तट पर एकत्र हुए। पूरा क्षेत्र “छठ मईया के जयकारों” से गूंज उठा।

सुबह से ही मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। चारों ओर रंग-बिरंगी झालरों और फूलों की मनमोहक सजावट ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया था। मंदिर के मुख्य पुजारी धीरज कांत दास ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सूर्य देव और छठ मइया की विधिवत पूजा-अर्चना कराई। उन्होंने श्रद्धालुओं को पर्व के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा — “छठ केवल पूजा नहीं, यह शुद्धता, संयम और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह व्रत मानव को अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ता है।”

सांझ ढलते ही हजारों व्रती महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर सिर पर दऊरा में फल, नारियल, ठेकुआ, गन्ना और पूजा सामग्री लेकर घाटों तक पहुंचीं। “कांच ही बांस के बहंगिया…” और “उठू हे सूरज देव…” जैसे पारंपरिक गीतों की मधुर गूंज से वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक हो उठा। सूर्यास्त के समय महिलाओं ने जल में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और अपने परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु तथा समाज के कल्याण की प्रार्थना की।

इस अवसर पर नगर विधायक रमेश सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए कहा, “छठ महापर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व हमें संयम, स्वच्छता और सामाजिक एकता का संदेश देता है। शाहगंज जैसे धार्मिक नगरी में यह पर्व हमारे सामूहिक आस्था का उत्सव बन गया है।”

वहीं क्षेत्राधिकारी (DSP) अजीत सिंह चौहान ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। उनके निर्देशन में पुलिस बल, महिला पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों ने श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा दिया। घाटों पर बैरिकेडिंग, लाइटिंग और साफ-सफाई की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई थी। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक इंतज़ाम पूर्व से किए गए थे ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मंदिर परिसर में स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं ने जल वितरण, फल प्रसाद और सहायता केंद्र भी स्थापित किए थे। जगह-जगह स्वयंसेवक व्रतियों की मदद करते नजर आए। शाम होते-होते पूरा क्षेत्र रोशनी से जगमगा उठा, मानो धरती पर दिव्यता उतर आई हो।

मौके पर नगर पालिका, पुलिस विभाग, विद्युत विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने भी अपनी सेवाएं दीं।

मंदिर परिसर में भक्तों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ जिसमें स्थानीय कलाकारों ने छठ गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन स्थानीय धार्मिक समिति द्वारा किया गया।

आने वाले मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह चार दिवसीय व्रत विधिवत संपन्न होगा। इसके साथ ही श्रद्धालु सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे और अपने परिवार की खुशहाली की मंगलकामना करेंगे।

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