
गोवर्धन पूजा महामहोत्सव का आयोजन🌼
इंदौर, 22 अक्टूबर 2025 —इस्कॉन
🌼 इस्कॉन इंदौर श्री श्री राधा गोविंद मंदिर में भव्य गोवर्धन पूजा महामहोत्सव का आयोजन 🌼
इंदौर, 22 अक्टूबर 2025 —
इस्कॉन इंदौर के श्री श्री राधा गोविंद मंदिर में परम पूज्य महामन स्वामी महाराज जी के पावन सान्निध्य और नेतृत्व में भव्य गोवर्धन पूजा महामहोत्सव का आयोजन अत्यंत धूमधाम और भक्ति भाव से किया गया।
🌿 कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत गौ पूजा से हुई। तत्पश्चात भक्तों द्वारा 120 किलो सूजी का हलवा, 100 किलो छोले और 80 किलो भात से विशाल अन्नकूट गोवर्धन पर्वत का निर्माण किया गया।
इस गोवर्धन पर्वत में गोवर्धन शीला भी विराजमान थी। पर्वत को हरी-भरी घास, मोर, बंदर, गिलहरी, हाथी, खरगोश आदि के प्रतीक रूपों से आकर्षक रूप से सजाया गया था।
🕉️ श्री श्री राधा गोविंद जी का आगमन और अभिषेक
शंखध्वनि के साथ श्री श्री राधा गोविंद जी का गर्भगृह से अन्नकूट गोवर्धन पर्वत की ओर शोभायात्रा के रूप में आगमन हुआ।
इसके पश्चात गोवर्धन शीला का महा अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, गोमूत्र, सात प्रकार के फलों के रस और औषधियों से अभिषेक संपन्न हुआ।
📖 महामन स्वामी महाराज जी का प्रेरणादायक प्रवचन
इसके उपरांत महामन स्वामी महाराज जी ने अत्यंत प्रेरणादायक प्रवचन देते हुए कहा —
> “भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला हमें यह सिखाती है कि जब हम अहंकार त्यागकर भगवान की शरण में जाते हैं, तब वही हमारी रक्षा करते हैं। गोवर्धन पूजा का संदेश यही है कि हमें प्रकृति और भगवान दोनों का सम्मान करना चाहिए।”
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की लीला का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि दीपावली के पश्चात जब भगवान श्रीकृष्ण ने सात वर्षों की अवस्था में अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया, तब उन्होंने इंद्र के अभिमान का नाश किया और गोकुलवासियों की रक्षा की।
यही घटना आज तक भक्तों के लिए भक्ति, समर्पण और विनम्रता का प्रतीक बनी हुई है।
🍛 108 भोग अर्पण एवं गोवर्धन परिक्रमा
महामहाराज जी के प्रवचन के पश्चात गोवर्धन जी को 108 प्रकार के भोग अर्पण किए गए, जिनमें विविध प्रकार के अन्न, मिठाइयाँ, रोटियाँ, नमकीन, फल, रस आदि शामिल थे।
इसके बाद महाआरती संपन्न हुई। भक्तों ने सामूहिक रूप से दामोदराष्टकम का गान किया और दीपदान के पश्चात गोवर्धन परिक्रमा लगाई।
ऐसा कहा जाता है कि इस अन्नकूट गोवर्धन की परिक्रमा करने से वृंदावन स्थित गोवर्धन परिक्रमा का समान पुण्य प्राप्त होता है।
🙏 भक्तों की सहभागिता
इस पूरे कार्यक्रम में लगभग 1500 से अधिक भक्तों ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सभी भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया।
👏 आयोजन और संचालन
पूरे आयोजन का संचालन एवं सेवा श्रीमान् —
भक्तवत्सल दास, अच्युत गोपाल दास, समर्पित गौर दास, रणवीर कृष्ण दास, दामोदर कृष्ण दास, गिरिधर गोपाल दास, केशव भक्त प्रियव्रत, माधव चरण दास, करुणा कृष्ण दास एवं अन्य सेवाभावी भक्तों द्वारा किया गया।
✨ वातावरण की भक्ति छटा
सम्पूर्ण मंदिर परिसर हरे कृष्ण महामंत्र के संकीर्तन, दीपों की रौशनी और भक्ति भाव की ऊर्जा से आलोकित रहा।
भक्तों ने अपने हृदय में श्रीकृष्ण प्रेम और कृतज्ञता की अनुभूति करते हुए इस दिवस को आध्यात्मिक पर्व के रूप में मनाया।
यह दिन इंदौर के भक्तों के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा, क्योंकि यह केवल उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति, एकता और भगवान श्रीकृष्ण के संरक्षण का प्रतीक दिवस था।