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बीजेपी कार्यकर्ता से दुर्व्यवहार के आरोप में दरोगा-सिपाही निलंबित, कार्यकर्ताओं ने थाने में दिया था धरना


वाराणसी। भाजपा जिला कार्य समिति के सदस्य जितेंद्र केसरी उर्फ बबलू से कथित दुर्व्यवहार के मामले ने शनिवार को बड़ा रूप ले लिया। चितईपुर थाने के उपनिरीक्षक अनिल सिंह और कांस्टेबल धीरेंद्र पटेल पर गंभीर आरोप लगने के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने थाने पर धरना-प्रदर्शन किया। हंगामे के बाद डीसीपी काशी ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे धरना समाप्त हुआ।

अखिलेशपुर निवासी जितेंद्र केसरी ने बताया कि शुक्रवार देर रात वे घर लौट रहे थे। इसी दौरान बरईपुर धर्मवीर नगर कॉलोनी मोड़ पर सड़क दुर्घटना का शिकार एक वाहन चालक भाग रहा था। स्थानीय लोग उसका पीछा कर रहे थे। भीड़ देखकर वे भी वहां रुक गए। उन्होंने मौजूद दरोगा और सिपाही से वाहन चालक को हिरासत में लेकर थाने भेजने का अनुरोध किया।

आरोप है कि इसी दौरान दरोगा और सिपाही ने उनसे अभद्रता शुरू कर दी। गालीगलौज करते हुए धक्का-मुक्की की और थाने ले जाकर बैठा दिया। जितेंद्र केसरी का कहना है कि इस दौरान उनका मोबाइल और पर्स जमा कर लिया गया, जिसमें रखे दस हजार रुपये बाद में नहीं मिले। पूरी घटना की जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मिली।

अध्यक्ष संग अभद्रता का आरोप
सुबह करीब सात बजे वाराणसी के कई भाजपा कार्यकर्ता, पार्षद और उनके प्रतिनिधि चितईपुर थाने पहुंच गए। पुलिसकर्मियों के खिलाफ नारेबाजी की और थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने संबंधित दरोगा और सिपाही पर मुकदमा दर्ज करने और तत्काल निलंबन की मांग उठाई। इस दौरान चितईपुर थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। करीब पांच घंटे तक थाने पर माहौल तनावपूर्ण बना रहा।

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