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मां काली पीठ दुर्गा पूजा समिति का गठन भव्य दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारियों को मिली गति, समिति ने समाज को दिया भक्ति और सच्चाई का संदेश


विंढमगंज (सोनभद्र), 30 अगस्त 2025 –
शनिवार की शाम मां काली मंदिर परिसर में पुजारी पंकज तिवारी की अध्यक्षता में मां काली पीठ दुर्गा पूजा समिति का विधिवत गठन किया गया। बड़ी संख्या में ग्रामवासियों की उपस्थिति में संरक्षक मंडल, पदाधिकारी और मीडिया प्रभारी का सर्वसम्मति से चयन हुआ।


संरक्षक मंडल में अशोक कुमार जायसवाल, विनोद कुमार जायसवाल, पप्पू जायसवाल, नंदलाल केसरी, पप्पू गुप्ता, अरुण कुमार जायसवाल एवं ऋषिकेश जायसवाल को शामिल किया गया।
प्रबंधक प्रवेश गुप्ता (बी.ए.), अध्यक्ष रविशंकर जायसवाल, उपाध्यक्ष रोशन गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष राजीव रंजन तिवारी चुने गए।

समिति की मीडिया व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रेम कुशवाहा, अरविंद गुप्ता, ओमप्रकाश रावत, अजय गुप्ता, डॉ. वीरेंद्र कुमार, लवकुश चंद्रवंशी, जितेंद्र शर्मा, संतोष जायसवाल, जितेंद्र गुप्ता और प्रभात गुप्ता को सौंपी गई।




बैठक में सभी सदस्यों ने घोषणा की कि वे अध्यक्ष रविशंकर जायसवाल के नेतृत्व में इस वर्ष का दुर्गा पूजा महोत्सव भव्यता और अनुशासन के साथ मनाएंगे।
उनका कहना था कि पूजा केवल अनुष्ठान नहीं बल्कि ईश्वर से संवाद का माध्यम है। आधुनिक जीवन की भागदौड़ में इंसान अपने परिवार और व्यक्तिगत समस्याओं में उलझा रहता है और भक्ति के लिए समय नहीं निकाल पाता। ऐसे में नवरात्र का पर्व नौ दिनों तक इंसान को आस्था और भक्ति में डुबो देता है।


दुर्गा पूजा का आध्यात्मिक महत्व

दुर्गा पूजा केवल देवी की आराधना भर नहीं है, यह अच्छाई की विजय और बुराई के अंत का प्रतीक है।

मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर बुराई का नाश किया और धर्म की स्थापना की।

भगवान राम ने रावण वध कर अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दिया।


यह दोनों प्रसंग हमें यही सिखाते हैं कि सत्य और धर्म की राह पर चलना कठिन जरूर है, लेकिन विजय अंततः उसी की होती है।




त्योहार केवल उत्सव का कारण नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम भी होते हैं। दुर्गा पूजा में जहां लोग पंडाल, सजावट और प्रसाद की व्यवस्था में मिलजुलकर काम करते हैं, वहीं दूसरी ओर यह पर्व समाज को यह याद दिलाता है कि –

हमें अपने भीतर की बुराइयों का भी नाश करना होगा।

हमें सत्य, ईमानदारी और भक्ति की राह पर चलना चाहिए।

जीवन केवल भौतिक समस्याओं में उलझने के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी है।




विंढमगंज की मां काली पीठ दुर्गा पूजा समिति का गठन केवल एक संगठनात्मक निर्णय नहीं, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है। यह संदेश है –

भक्ति, सेवा और सच्चाई के पथ पर चलकर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है। जैसे मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर बुराई का अंत किया, वैसे ही हमें भी अपने जीवन और समाज की बुराइयों को खत्म कर अच्छाई को अपनाना चाहिए।”

इस प्रकार इस वर्ष का दुर्गा पूजा महोत्सव विंढमगंज के लिए न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि समाज को भक्ति, एकता और सत्य की राह दिखाने वाला एक आदर्श पर्व भी बनेगा।

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