
वरिष्ठ गीतकार सत्यपाल सत्यम के जन्मोत्सव पर भव्य काव्य संध्या, मनमोहन भल्ला और साहित्य जगत की हस्तियों ने दी अभिनंदन स्वरूप प्रस्तुति
मेरठ, 20 जुलाई 2025 (रविवार) – राष्ट्रीय काव्य संग्रह मंच के तत्वावधान में आयोजित वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय गीतकार सत्यपाल सत्यम जी के जन्मोत्सव पर "एक शाम सत्यपाल सत्यम के नाम" काव्य संध्या कार्यक्रम का आयोजन मेरठ में बड़े भव्य और भावपूर्ण रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के कई ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों, कवियों और रसिक श्रोताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. किरण सिंह ने की और मुख्य अतिथि के रूप में ओंकार गुलशन मंचासीन रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई जिसे कवयित्री रेखा गिरीश ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन कवियत्री नीलम मिश्रा 'तरंग' एवं वरिष्ठ कवि सुमनेश सुमन ने संयुक्त रूप से किया।
राष्ट्रीय कवि सत्यपाल सत्यम ने इस अवसर पर अपने कई लोकप्रिय गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गीत —
“तेरे शहर में रिमझिम रिमझिम, गांव मेरा मरुस्थल जी”,
“मेघ पहली बार जब झरे, वृक्ष सब निखर गए”,
“लौ लगी है और तुम्हारा नाम की…”
जैसे भावपूर्ण रचनाओं ने खूब तालियाँ बटोरी और हर दिल को छू लिया।
कार्यक्रम की विशेष उपलब्धि यह रही कि भारतीय जनता पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक एवं हिंदी साहित्य अकादमी मेरठ के अध्यक्ष, कवि एवं पत्रकार मनमोहन भल्ला ने सत्यपाल सत्यम जी को दोनों संस्थाओं की ओर से सम्मान एवं साधुवाद प्रेषित किया। उन्होंने कहा कि "सत्यपाल सत्यम हिंदी गीत विधा के ऐसे स्तंभ हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेरठ और हिंदी साहित्य को पहचान दिलाई है।"
कार्यक्रम में मंच और पंक्ति से जुड़े अनेक साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया, जिनमें प्रमुख रूप से – बीना मंगल, राशिद अहमद, आदिल अहमद, दिशा तलवार, दिनेश तलवार, ब.हाव मेरठी, चंद्रशेखर मयूर, कविता मधुर, जीशान कुरैशी, नीलम कुमार, सरोज दुबे, पूनम शर्मा, कमलेश तन्हा, डोरीलाल भास्कर, चुन्नी रस्तोगी, कविता मधुर, अलका गुप्ता आदि शामिल रहे।
इस काव्य संध्या ने जहां एक ओर सत्यपाल सत्यम जी की सृजनशीलता को सजीव मंच दिया, वहीं मनमोहन भल्ला जी की सादगीपूर्ण लेकिन प्रभावशाली साहित्यिक सक्रियता ने कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की।