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नगर परिषद डिंडोरी मे फ्लेक्स वार , आमने - सामने हुये निविदाकार



डिंडोरी -- नगर परिषद डिंडोरी नवीन परिषद गठन के बाद से ही लगातार विवादों के दायरे मे है, कभी विद्युत उपयंत्री के पद को लेकर तो कभी परिषद अध्यक्ष द्वारा अपने खसमखासों को लाभान्वित करने के नाम पर, फिर वह परिषद मे आवश्यक सामग्री हो या फिर वाहनो मे भराये जाने वाले डीजल - पेट्रोल। कहीं ना कहीं सारा का सारा मामला अध्यक्ष के इर्द - गिर्द ही घूम रहा है। हाल ही मे नगर परिषद डिंडोरी ने फ्लेक्स प्रिंटिंग व अन्य आवश्यक सामग्री को लेकर कोटेशन बुलाये थे, जिसमे महज दो निविदाकार ऐसे थे, जो इस टेंडर प्रक्रिया मे शामिल हुये। और जब इन दोनों निविदाकारों कि सामग्री दरों का खुलासा हुआ तो परिषद मे फ्लेक्स वार छिड़ गया। और फिर दोनों ही पक्ष एक - दुसरे के आमने - सामने हो गये।

शिकायतें जो हुई -- इस पूरे मामले मे सर्वप्रथम शिकायत रोहित फ्लेक्स द्वारा 3 जून को कलेक्टर डिंडोरी से कि गई, जिसमे उन्होंने टेंडर मे हुई अनियमितताओं का जिक्र करते हुये उचित जांच किये जाने कि मांग कि थी, शिकायत पत्र के मुताबिक विरासनी ट्रेडर्स द्वारा टी शर्ट प्रिंटिंग, कैप व झंडा प्रिंटिंग कि दरें बाजार मूल्य से काफी कम डाली गई, जिसके चलते उनका टेंडर पास कर दिया गया। इसके अलावा दूसरी शिकायत 18 जून को मुख्य नगर पालिका अधिकारी डिंडोरी के समक्ष कि गई थी, जिसमे उन्होंने साफतौर पर इंगित किया है कि 10/05/2025 को होने वाले टेंडर के नतीजे 12 /05/2025 को दर्शाये जाने थे, लेकिन 18 जून 2025 तक किसी भी फर्म को टेंडर नहीं दिया गया, जो कि नियम विरुद्ध है। इसके अलावा रोहित ने यह भी दर्शाया कि इस सम्बन्ध मे उन्होंने बारम्बार कलेक्टर डिंडोरी, नगर परिषद व ऑनलाइन पत्रों के माध्यम से समस्या सामने लाई गई, लेकिन निराकरण ना हो सका।पत्र मे तो रोहित ने इस बात का उल्लेख तक किया कि यदि समय रहते जिम्मेदारों ने निर्णय नहीं लिया तो उन्हें विवश होकर न्यायालय कि शरण मे जाने बाध्य होना पड़ेगा।

हटाये जाएँ अवैध होर्डिंग्स -- मामले मे विरासनी ट्रेडर्स भी कहाँ पीछे हटने वाले थे, प्रोप्राइटर सुनील दत्त तिवारी ने भी दिनांक 30/06/2025 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी डिंडोरी को पत्र प्रेषित कर शहर से अवैध होर्डिंग्स हटाये जाने कि मांग कर डाली। तिवारी के मुताबिक रोहिते फ्लेक्स द्वारा विगत 8 वर्षों से लगाते आ रहे है। ना तो उनमे परिषद कि अनुमति है और ना ही सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। जिसके चलते भविष्य मे किसी भी तरह कि अनहोनी हो सकती है। रोहित फ्लेक्स द्वारा शहर मे लगातार अवैध होर्डिंग्स का लगाने का कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते नप को लाखों रूपये के राजस्व का नुक्सान वहन करना पड़ रहा है।यहॉ तक कि रोहित फ्लेक्स के प्रोप्राइटर सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी परोस रहे है। जबकि 2023 मे विरासनी ट्रेडर्स का टेंडर पास हुआ था, लेकिन कार्यालय मे सांठ- गाँठ कर रोहित फ्लेक्स को काम दे लाखों का भुगतान किया गया। तिवारी ने यह आरोप तक लगा दिया कि जब 2023 मे उनका टेंडर पास हुआ तो फ्लेक्स प्रिंटिंग का कार्य अन्य फर्म को कैसे दे दिया गया..? और जब 2025 - 26 मे रोहित फ्लेक्स का टेंडर पास नहीं हुआ तो अनाप - शनाप व झूठी शिकायते कि जा रही है। और नप से रोहित फ्लेक्स का लोखा - जोखा निकाला जाये तो इनके द्वारा बाजार मूल्य से ज्यादा दरों पर सप्लाई कि गई है, जिसकी जांच कर उचित कार्यवाही कि जानी चाहिये।

भेदभाव के आरोप -- मामले से जुडा एक ऑडियो भी वायरल हुआ है जिसमे नप कर्मी कार्यालय कलेक्टर के समक्ष चौराहे पर लगे होर्डिंग्स मे से रोहित फ्लेक्स को होर्डिंग हटाने के निर्देश दे रहा है. और जब रोहित ने यह पूछा कि सारे होर्डिंग्स हटाये जाने है या सिर्फ उनका ही तो सामने से नप कर्मी का यह जवाब आया कि नहीं, आपको अपना होर्डिंग्स ही हटाना है, ऐसा सी एम ओ साहब का कहना है। बता दें कि आज से पहले भी AIMA ने शहर मे अवैध होर्डिंग हटाने मे भेदभाव शीर्षक से खबर प्रकाशित कि थी, लेकिन उस पर भी आज तलक कार्यवाही नहीं कि गई, क्यों..? यह जांच का विषय है।
बहरहाल यदि नियम कि बात कि जाये तो आमंत्रित निविदा मे एकमात्र पात्र निविदाकर्ता कि दरें भी दरों कि उपयुक्तता के परिक्षण उपरान्त बाजार दर के अनुरूप पाये जाने कि दशा मे स्वीकार कि जा सकती है। लेकिन नगर परिषद डिंडोरी मे चल रहे फ्लेक्स वार मे मुख्य नगर पालिका अधिकारी क्या निर्णय लेते हैँ, यह देखना दिलचस्प होगा। क्यों कि एक पक्ष को सांसद का ख़ासमख़ास तो दूजे पक्ष को प्रभारी मंत्री का चहेता बताया जा रहा है।

इनका कहना है --:
मामले मे दोनों कि व्यक्तिगत और आपसी रंजिश मुझे समझ मे आती है,जहाँ तक नगर परिषद कि बात है तो हमने ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन करते हुये वार्षिक निविदाये जारी कि थी, जिनकी दरें आई हुई है, चूँकि उक्त मामले मे लगातार शिकायते आ रही है, और ट्रेजिरी ऑफिसर से बात चल रही है, फिर उनका जैसा निर्देश मिलता है,उस आधार पर आगे देखेंगे। और शहर मे जितनी भी अवैध होर्डिंग्स लगी है, सभी को हटाया जायेगा।हम शहर कि जनता और व्यावसाई को समानभाव से देखते हैँ और अभी मै पता कर लेता हूं कि टेंडर कब ओपन होने वाला है, नप ने 40 से 50 स्थान निर्धारित किये थे जहाँ यूनिपोल लगाए जायेंगे और वार्षिक निविदाएँ जारी कर अनुमति दी जायेगी, ताकि नप को भरपूर राजस्व प्राप्त हो सके। रही कार्यवाही कि बात तो ना कोई भेदभाव और ना ही पक्षपात, जो भी विधिवत कार्यवाही होंगी वह कि जायेगी।
अमित तिवारी ( मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डिंडोरी )

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