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"स्वर्गीय मंत्री रामकिशन वर्मा को याद कर दी श्रद्धांजलि।"

*सातवीं पुण्यतिथि पर पूर्व मंत्री वर्मा को किया याद।*
छबड़ा:समाज सेवी रामदयाल धाकड़ के साथ,रविवार को सामाजिक चिन्तन-मनन के कार्यक्रम में व्यक्तित्व एक परिचय के तहत,पूर्व मंत्री वर्मा की सातवीं पुण्यतिथि पर उन्हें मोन श्रद्धांजलि दी गयीं।इस अवसर पर समाज सेवी एस.एल.नागर ने उनसे जुड़ीं एक स्मृति को याद कर कहा कि आजकल के बनें मंत्री और विधायक या सांसद,किसी आम आदमी की शिकायत या किसी कार्य की अर्जी आने पर पहले पार्टी और पहचान के लिए अपने पार्टी कार्यकर्ता की टिप्पणी देखता है और व्यक्ति के बारे में जानकारी लेता है अपना मतदाता है कि नही,बाद में उसके आवेदन पर कार्यकर्ता के कहने पर कार्यवाही करेगें।नागर ने कहा की मेने मेरे 36 साल के राजकीय नोकरी के जीवन में तो मेने हर बनी सरकार में किसी अन्य के बाजिब काम के लिए कोई सिफ़ारिश नही कराई ओर ना ही मेरे काम के लिए लेकिन जीवन में हर पार्टी के नेता को सार्वजनिक काम के लिए जरूर परखा और अभी भी निजी जीवन में किसी पार्टी की राजनीति नही की है,अपने कर्म के धर्म को निभाकर सबकी सेवा जरूर की ओर अब सेवा निवृत के बाद भी किसी पार्टी का गुलामी का जीवन नही जिया है।में हमेशा मेरे व्यक्तित्व जीवन में मेरे स्वतंत्र विचारों को ही प्राथमिकता देता आया हूँ,चाहे सामने वाला किसी भी पार्टी से समन्धित हो।में हमेशा सत्य और न्याय पर चलने वाले व्यक्ति का ही साथ देता हूँ,उसके अच्छे विचारों को अग्रेसित भी करता हूँ,चाहे वो किसी भी दल का हो, सदैव उसका सम्मान ओर आदर करता हूं।मेने मेरे जीवन में बिना पहचान के आम आदमी बन कई राजनीतिक लोगो को पिछले वर्षों,आमजन के काम के लिए परखा,अधितर नेता परीक्षा में फैल नजर आये।ऐसे ही एक बार छबड़ा पदारे, मंत्री वर्मा से, में भी एक बार बिना पहचान पूर्व मंत्री, स्वर्गीय रामकिशन वर्मा के पास स्थानान्तरण की अर्जी लेकर गया था, उन्होंने ध्यान से मेरा आवेदन पत्र पढ़ा,मेरे चेहरे को देखा, इधर-उधर उनने भी अपने कार्यकर्ताओं की ओर देखा तो मैने कहा सर वैसे तो यहां उपस्थित अधिकतर लोग मुझे पहचानते जरूर है, लेकिन मेनें इनसे कोई सिफारिश नही करवाई ओर न ही सिफारिश कराना चाहता,आप ही निर्णय करे,तो वर्मा ने कहा आप चिन्ता नही करें,में सिफारिश के लिए नही देख रहा में यह जरूर देख रहा हूँ कि आप स्थानीय है ओर रिक्त स्थान भी है तो आपको अपना स्थान मिलना ही चाहिए,आपका काम एक मास में हो जावेगा।मुझे विश्वास नही हुआ कि मेरा काम हो जावेगा क्योकिं अन्य लोग किसी ना किसी नेता की टिप्पणी करवा कर लाए थे।एक मास व्यतीत हुए, स्कूल खुले तो सचमुच मुझे संन्देश मिला आपका कार्य हो गया।मेरे एक मित्र नें आदेश भेजा तब मुझे मंत्री वर्मा के बारे में ओर जानने को मिला सचमुच उन्हें,व्यक्ति के सत्य की पहचान जरूर थी।आज भी में उनकी वाणी को भूल नही सका।वर्तमान सरकार के विधायकों,सांसदों पर जब में गौर करता हूँ तो वर्मा के सामने 0 ही उपलब्धि के अंक आते है।सेवा निवृति के बाद में पेन्शनर समाज में सम्मिलित हुआ,उनकी समस्याओं को उठाया भी लेकिन वर्तमान सरकार पेंशनरों की देय ग्रेजुएटी 6 मास से रोके बेटी है,एक नही कर्मचारियों नें तीन-तीन शिकायत कर दी राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी कर्मचारियों द्वारा शिकायतें दर्ज की जा चुकी,लेकिन सभी ढाक के तीन पात ही साबित हुई।राज्य का बजट पारित हुए 2 मास गुजर चुके, लेकिन पेंशनरों का बकाया भुगतान के लिए अभी भी सन्देश आ रहा है बजट जारी नही हो रहा,राज्य स्तरीय कोषालय में बजट जारी हो,तो भुगतान होगा,कमाल है पहले यह लोग कहते थे कड़ी से कड़ी जोड़ो तो होंगे सभी काम,अब कड़ी जुड़ी हुई है पर स्वयं ही अकर्मण्य होकर तोड़ रहे है।

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