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जीटी रोड स्थित एपिफेनी चर्च का 88वां जन्मदिवस प्रभु भोज की आराधना के साथ मनाया गया

खतौली (मुजफ्फरनगर) में स्थित जीटी रोड एपिफेनी चर्च का 88वां जन्मदिवस बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर प्रभु भोज की आराधना की गई, जिसमें चर्च के पादरी सुशील कुमार की प्रार्थना के द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत हुई। आराधना के दौरान भजनों की गूंज से चर्च का माहौल भक्तिमय हो गया। "बोलो जय, मिलकर जय" और "तेरे दिल के द्वार पर यीशु खटखटाता" जैसे गीतों के माध्यम से परमेश्वर की स्तुति की गई। कार्यक्रम की अगुवाई सहारनपुर से आए पादरी डॉ. डी.एस. लाल ने की। मैथोडिस्ट चर्च से पादरी अमित ओडसपन्ड ने प्रार्थना की और इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दीं। पादरी (डीकन) अंशुल मैसी ने परहित निवेदन की प्रार्थना की, जबकि बाइबल पाठ का वाचन पास्टर अजय दास, सुनीता चार्ल्स, और ज्योति मसीह ने किया। पेज एवं वर्थ (Praise & Worship) में सुनीता, ज्योति, गोल्डी, अंजलि, रोनित मसीह, फिलिप जैकब, और लेमेक दास ने अगुवाई की। पादरी सुशील कुमार ने अपने संदेश में चर्च की स्थापना के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पादरी जेठ ओ. निकोलस और उनकी पत्नी ने इस चर्च की नींव 1937 में रखी थी। इस चर्च में समय-समय पर कई विशेप पादरी, डीकन, और प्रचारकों ने सेवा दी है। 'एपिफेनी' शब्द का अर्थ 'प्रकट करना' है, जो इस चर्च के नाम का मूल भाव है। पादरी सुशील कुमार ने कहा कि परमेश्वर ने अपने पुत्र को इस दुनिया की मुक्ति के लिए प्रकट किया ताकि लोग प्रेम, विश्वास, और एकता में बने रहें। आराधना के पश्चात् प्रतिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें नितिन, अमन, शीशपाल, कोरियन राजा, अनीस, दीपक, रमेश, राहुल, रेशमा, जॉन आदि मौजूद रहे। सभी ने मिलकर प्रभु भोज का आनंद लिया और चर्च के 88वें वर्ष की खुशियां मनाईं। उपस्थित लोगों ने चर्च की सेवा में योगदान देने वाले सभी पादरियों और प्रचारकों को धन्यवाद दिया और इस चर्च की निरंतर उन्नति की कामना की।

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