जवानो की शहादत कबतक, कब थमेगी आईईडी ब्लास्ट का सिलसिला
बीजापुर के कुटरू मार्ग के बेदरे में पुनः इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण (I E D) ब्लास्ट में 9 जवान शहीद,, लक्षित समय मार्च 2026 में माओवादी हिंसा को खत्म करने के संकल्प के सामने सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार ही एक बड़ी चुनौती,,,
हर घटना बड़ी सीख देती है,परंतु बिडम्बना यह है कि हम सीखना ही नहीं चाहते,न ही सुधार लाने का प्रयास करते हैं।
बस्तर में अब तक सैकड़ों इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण (I E D) ब्लास्ट हो चुका है। ध्यान से देखा जाए तो आप पाएंगे कि ज्यादातर ब्लास्ट नई बनी या निर्माणाधीन सड़कों पर हुआ है। इन ब्लास्टों में हजारों की संख्या में हमारे देशभक्त और निर्दोष जवानों की शहादत भी हो चुकी है। ऐसी तमाम घटनाओ के बाद हम सिर्फ श्रद्धांजलि देकर और सरकार की निंदा कर के अपना हाथ तब तक के लिए झाड़ लेती है जब तक की कोई दूसरी घटना घटित नहीं हो जाती है।
जबकि होना तो ये चाहिए कि जिस किसी भी सड़क पर इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण ब्लास्ट होता है। उस सड़क के ठेकेदार और उसकी निगरानी करने वाले सरकारी अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर,उन के खिलाफ भी जांच बैठा दी जानी चाहिए। क्योंकि 50/80/100 किलो की आईडी कुछ घंटे या मिनट में ही सड़कों के नीचे प्लांट नहीं किए जा सकते हैं। यकीन मानिए अगर ईमानदारी से दो-तीन सड़कों की जांच करा दी जाए तो इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण ब्लास्ट का यह सिलसिला बहुत हद तक रुक जायेगा।
बलास्ट की पुनरावृत्ति रुकने का सीधा फायदा हमारे देशभक्त जवानों को होगा,साथ ही इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण की चपेट में आने वाले ग्रामीणों के जान और माल की भी सुरक्षा हो जाएगी।।
और तो और जांच शुरू होने के अगले क्रम में यह खुलासा भी होने लगेगा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले ज्यादातर मालदार सड़क ठेकेदार और उन्हें संरक्षण देने वाले महाभ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के तार कही न कहीं माओवादियों या उनके संगठनों से जुड़े मिलेंगे।