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खैरलांजी कृषि मंडी किन्हीं धान खरीदी केन्द्रों में खुली लूट, किसान से 200,300 ग्राम धान तक ज्यादा ले रहे हैं तौल,

मध्य प्रदेश( बालाघाट ) खैरलांजी -धान खरीदी इस समय चरम पर है लेकिन विभाग के अधिकारी अव्यवस्था पर लगाम लगाने में फेल साबित हो रहे हैं, धान खरीदी में होने वाले फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सरकार द्वारा किसानों के पंजीयन से लेकर चेक की राशि सीधा उनके खाते में आने की व्यवस्था की गई है, फिर भी उपाय कारगर साबित नहीं हो रहे हैं, खरीदी प्रभारियों की मिलीभगत से व्यापारी अपना स्वार्थ सिद्ध करने में कामयाब हो जा रहे हैं कई केंद्रों में किसानों से अधिक धान भी लिया जा रहा है। उपार्जन केंद्रों में धान की बोरियों का पहाड़ खड़ा हो गया है,आए दिन किसान व केन्द्र प्रभारी के बीच तू-तू मैं-मैं की स्थिति निर्मित हो रही है। इधर किसानों का आरोप है कि उनकी सप्ताह भर पहले से रखी हुई धान तौलाई नहीं हो पा रही है, इस धान खरीदी केंद्र में किसानों से ज्यादा भीड़ धान व्यापारियों की दिखती है जिससे अंदेशा है कि बिचौलियों द्वारा यहां धान खपाया जा रहा है। यही वजह है कि किसानों के धान तौलाई व उनके भुगतान में भारी विलंब हो रहा है। यहां धान के सही समय पर तौलाई नहीं हो पाने से क्षेत्रीय किसान नाराज दिख रहे हैं। कृषि मंडी किन्हीं केंद्र पर निर्धारित तौल के अधिक धान लिए जाने का किसानों ने आरोप लगाया है जिसे लेकर किसानों ने जांच की मांग उठाया है,उधर खरीदी प्रभारी ने आरोप को निराधार बताया है इस समय किसानों का धान पूरी तरह तैयार है और वह इनकी बिक्री करना चाहते हैं ऐसे में केंद्र पर धान की आवक ज्यादा है इसी का फायदा उठाकर केंद्र प्रभारी किसानों के साथ मनमानी कर रहे हैं किसानों ने आरोप लगाया कि निर्धारित मानक से अधिक धान लिया जा रहा था किसानों का आरोप है कि केंद्र पर प्रति बोरी में 40 किलो 700 ग्राम के जगह 40 किलो 900 ग्राम धान कट्टी में तोल कराया जा रहा है इस तरह से देखा जाए तो 300 ग्राम धान अधिक लिया जा रहा हैं इतना ही नहीं गड़बड़ी के नाम पर यहां बोरे की सिलाई भी तौल के बाद नहीं की जा रही है. हजारों क्विंटल धान बिना सिलाई किए केंद्रों में पड़ा हुआ है. केंद्र प्रभारी से जब कोई इसका कारण पूछता है, तो वह उल्टे अधिकारियों को ही लपेटते हुए कहते हैं कि कोई अधिकारी धान खरीदी करके दिखाए. सीधे अधिकारियों को चैलेंज करने वाले ऐसे प्रभारियों को अधिकारियों का ही संरक्षण खुले तौर पर प्राप्त है.इस संबंध में भी कई प्रकार की सफाई धान खरीदी प्रभारी देते हुए नजर आए. प्रभारी की शिकायत पहले भी अधिकारियों तक पहुंच चुकी है लेकिन इसके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं होना सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रहा है. यहां के खरीदी केंद्रों में पूरी तरह से किसानों के शोषण करने का काम बदस्तूर जारी है. जब इस बात की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाती है तब भी कार्रवाई के नाम एक बिंदु तक नहीं लगाई जाती. पहले भी इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार के कई किससे उच्च अधिकारियों के सामने आ चुके हैं. माना जाता है कि खैरलांजी मंडी किन्हीं भौरगढ़, घुबढगोदी, कटोरी ,मोवाड़, खैरी सावरी कई अन्य क्षेत्र में सबसे ज्यादा सिंचित क्षेत्र है और साथ ही किसानों की संख्या भी अन्य स्थानों की तुलना में अधिक है. यहां के उपार्जन केंद्र भी बड़े हैं लेकिन जिस प्रकार यहां गड़बड़ियां उजागर हो रही है निसंदेह यह सहकारिता विभाग को सवालों के घेरे में ला रहा है. खरीदी के दौरान खरीदी केंद्रों में पहुंचने वाले अधिकारियों की लंबी सूची है, लेकिन कार्यवाही देखें तो किसी भी प्रभारी के विरुद्ध अभी तक नहीं हुई है. किसानों के द्वारा कई जगह से शिकायतें प्राप्त हुई है लेकिन जमीनी स्तर पर एक भी कार्यवाही अधिकारियों ने नहीं की है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि खरीदी केंद्रों का निरीक्षण करने की केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है.

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