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देवी अहिल्याबाई की 300 वीं जयंती पर महिला सम्मेलन आयोजित सुशासन का पर्याय थी अहिल्याबाई : अरुणा शर्मा




मांगरोल - कात्यायनी महिला उत्थान समिति एवं महिला समन्वय विभाग के संयुक्त तत्वावधान में देवी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जन्म जयंती समारोह के अंतर्गत कात्यायनी महिला सम्मेलन का आयोजन विद्या भारती विद्यालय आदर्श विद्या मंदिर के केशव सभागार मे उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में मातृशक्ति ने भाग लिया। महिला समन्वय सदस्य पुष्प लता सेन ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अरुणा शर्मा अंतिमा कात्यानी उत्थान महिला समिति मंत्री विशिष्ट अतिथि मधु गौतम, सोनल सोनी रही। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।समारोह की प्रस्तावना राजेश गलव ने प्रस्तुत करते हुए उपस्थित सभी मातृशक्ति से लोक माता देवी अहिल्याबाई होल्कर के बताए मार्ग पर चलने का आग्रह किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता अरुणा शर्मा अंतिमा ने अपने उद्बोधन में कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का संपूर्ण जीवन मातृशक्ति तथा सांस्कृतिक उत्थान के लिए समर्पित एवं अनुकरणीय रहा है।होल्कर सुशासन का पर्याय थी उन्होंने श्रेष्ठ नेतृत्व देश को दिया है।उन्होंने अनेक ऐतिहासिक स्थलों एवं धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करवा कर भारत को एक जुट बनाने में अद्वितीय योगदान दिया। इस अवसर पर श्वेता जैन ने पांच परिवर्तन से समाज परिवर्तन, हरित कुंभ हेतु एक थाली एक थैला अभियान की जानकारी दी गई।आभार एवं शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।यह जानकारी कात्यानी उत्थान महिला समिति के प्रचार विभाग द्वारा दी।

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