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केमिकल से पकाया हुआ आम तो नहीं खरीद रहे हैं आप, पढ़ें चेक करने का आसान तरीका


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केमिकल से पकाया हुआ आम तो नहीं खरीद रहे हैं आप, पढ़ें चेक करने का आसान तरीका
अगर आम खाने के दौरान आपको जला हुआ स्वाद महसूस होता है या जीभ में कड़वापन महसूस होता है तो आप समझ सकते हैं कि आम को कृत्रिम तरीके से पकाया गया है. इसके अलावा पेट दर्द, गले में जलन और डायरिया जैसी शिकायत भी हो सकती है.
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आम की टेस्टिंग कैसे करें (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
Noida,
Apr 18, 2024,
Updated Apr 18, 2024, 6:02 PM IST


आम का मौसम शुरू हो गया है. बाजार में अब हर तरफ अलग-अलग रंग, आकार और वैरायटी के आम दिखाई देते हैं. आम की लोकप्रिय और मंहगी अलफांसो से लेकर अन्य वैरायटी के आम इस सीजन में बाजार में बिकते हैं. लोग अपनी पसंद और जेब के हिसाब से अलग-अलग आम की वैरायटी को खरीदते हैं. वैसे तो आम के सेवन के कई फायदे होते हैं पर इसके लिए यह जरूरी होता है कि आम सही तरीके से पका हुआ है. केमिकल का इस्तेमाल करके जबरदस्ती पकाया गया आम अपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि जब आप बाजार से आम खरीदते हैं तो यह कैसे पता करें कि आम केमिकल फ्री है या नहीं.
एक सच्चाई यह है कि आमतौर पर आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे मसाला कहते हैं. आम को पकाने के लिए धड़ल्ले से इस केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जबकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने इस रसायन के इस्तेमाल और बिक्री पर 2011 के नियम के तहत पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. कैल्शियम कार्बाइड में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं जिनका इस्तेमाल वेल्डिंग करने में भी किया जाता है. यह सस्ता होता है और स्थानीय बाजारों में आसानी से मिल जाता है जिसके कारण लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर लेते हैं.
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केमिकल युक्त आम खाने के नुकसान
आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड की पुड़िया को आम के ढेर में रखा जाता है. जब यह केमिकल नमी के संपर्क में आता है तब एसिटलिन गैस बन जाता है. जिसका प्रभाव इथिलीन गैस की तरह ही होता है. इथिलीन वही केमिकल है जिसका इस्तेमाल प्राकृतिक रूप से फलों को पकाने की प्रक्रिया में किया जाता है. हालांकि जब कृत्रिम तरीके से कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल करके आम को पकाया जाता है तो आम में आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड के अंश पाए जाते हैं. इसके सेवन करने से उल्टी, डायरिया, कमजोरी और अल्सर जैसी समस्या हो सकती है. इसके अलावा सांस लेने में परेशानी हो सकती है और आंख भी खराब हो सकती है. इसका सेवन किसी भी व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियों की चपेट में ले सकता है.
केमिकल से पकाए गए आम का स्वाद
इसलिए हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि आम को केमिकल से पकाया गया है या प्राकृतिक रूप से पकाया गया है, इसके बारे में कैसे जान सकते हैं. इस खबर में हम आपको यह बताएंगे. अगर आम खाने के दौरान आपको जला हुआ स्वाद महसूस होता है या जीभ में कड़वापन महसूस होता है तो आप समझ सकते हैं कि आम को कृत्रिम तरीके से पकाया गया है. इसके अलावा पेट दर्द, गले में जलन और डायरिया जैसी शिकायत भी हो सकती है. इतना ही नहीं कैल्शियम कार्बाइड के अलावा इथीलीन पाउडर का भी इस्तेमाल आम को पकाने में किया जाता है.
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आम को चेक करने का तरीका
आम कौ कैसे पकाया है इसकी जांच करने के लिए आम को एक बाल्टी पानी में डालें. अगर आम पानी में डूब जाता है तो समझ लें कि आम प्राकृतिक तरीके से पका हुआ और अगर यह पानी में तैरता है तो इसका मतलब यह है कि इसे केमिकल से पकाया गया है.
आम के रंग को चेक करें. जो आम केमिलकल से पकाए गए होते हैं उस आम में पीले और हरे रंग के अलग-अलग धब्बे दिखाई देते हैं. जो एक दूसरे से बिल्कुल अलग दिखाई देते हैं पर जो आम प्राकृतिक तरीके से पके होते हैं उनमें एक समाना पीला रंग दिखाई देता है.
जब आप प्राकृतिक तरीके से पकाए गए आम आम को बीचों बीच काटते हैं तो इसके पल्प के बीच का और किनारे का रंग एक समान होता है. जबकि जो आम केमिकल के इस्तेमाल से पकाए जाते हैं उनमें पल्प के बीच का रंग गहरा होता है और किनारे छिल्के के पास का रंग हल्का होता है.
कृत्रिम तरीके से पकाए गए आम के उपर उदास सफेद रंग के धब्बे होते हैं जबकि प्राकृतिक तरीके से पके हुए आम में भूरे धब्बे होते हैं. इसलिए जिस आम में सफेद या नीले धब्बे हो उन्हें नहीं खरीदना चाहिए.

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