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शराब और फास्ट फूड की लत लिवर को बना रही फैटी, 18-20 साल के युवा हो रहे शिकार; ऐसे करें ठीक

उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉक्टरों का मानना है कि 40-50 फीसदी लोगों के लिवर में वसा जमी हुई है। तकलीफ बढ़ने पर आधे मरीज ही डॉक्टरों को दिखाने पहुंचते हैं। फैटी लिवर के लिए शराब, फास्ट फूड और तले भोजन की लत सबसे बड़ी वजह हैं।

हालत ये है कि 18-20 की उम्र के युवाओं का लिवर भी फैटी मिल रहा है।

एसएन मेडिकल कॉलेज के लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. राघव सिंघल ने बताया कि हेपेटाइटिस बी, शराब की लत, फास्ट फूड, तले भोजन करने से युवा भी लिवर रोगी हैं। इनमें 60 फीसदी फैटी लिवर के हैं, जिनमें 18-20 वर्ष के युवा भी शामिल हैं। ओपीडी में पांच फीसदी मरीजों की उम्र 25 साल से कम है।



जांच में इनके लिवर में वसा जमी मिली। पूछताछ में ये सप्ताह में 4-5 दिन शराब, 3-5 दिन फास्ट फूड-तला भोजन करते हैं। व्यायाम न करने से वजन भी बढ़ गया। इनमें मधुमेह, हृदय रोग का भी तीन गुना खतरा है। इलाज और पौष्टिक भोजन से मर्ज पूरी तरह से ठीक हो रहा है।
हेपेटाइटिस बी से लिवर में फैल रहा संक्रमण

राष्ट्रीय हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. सूर्यकमल वर्मा ने बताया कि हेपेटाइटिस बी से लिवर में संक्रमण फैल रहा है। ये गंभीर बीमारी है। इसमें संक्रमित रक्त चढ़ने, सुई के इस्तेमाल से ये बीमारी पनप रही है। इससे लिवर की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है। एसएन मेडिकल कॉलेज में महीने में 20-25 मरीज इसके मिल रहे हैं। इसकी जांच समेत पूरा इलाज निशुल्क मिल रहा है।
क्या है फैटी लिवर:

वसारहित ही स्वस्थ लिवर माना जाता है। लिवर में वसा जमने लगे और ये लिवर के कुल वजन से 5-10 फीसदी अधिक हो जाए तो ये फैटी कहा जाता है। मधुमेह रोगी, शराब के लती, अधिक भोजन करने, चिकनाई और फास्ट फूड खाने वालों में पांच गुना तक खतरा रहता है।
ये लक्षण तो करा लें जांच

आंखें पीली होना, गहरे रंग का पेशाब आना।
पेट पर सूजन, खून की उल्टी होना, वजन कम होना।
काला मल आना, त्वचा में खुजली होना।
थकान महसूस करना, पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द रहना।
ऐसे करें बचाव:

घर में बना पौष्टिक भोजन करें।
फास्ट फूड, तला भोजन से बचें।
शराब पीने से बचें, वजन नियंत्रित रखें, लक्षण होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
अधिक भोजन न करें, भोजन के बाद नियमित टहलने की आदत डालें।

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