हिंदी की विकास यात्रा
हिंदी राष्ट्रभाषा है, राष्ट्रभाषा उसे कहते हैं जिसमें संस्कृति सांस लेती है, रीति रिवाज और परंपराओं को राष्ट्रभाषा ही पहचान दिलवाती है। राष्ट्र की संपूर्ण आत्मा की अभिव्यक्ति उसकी भाषा में समाई होती है, निस्संदेह हिंदी वह भाषा है। अपभ्रंश से विकसित हुई हिंदी आज जन-जन में चेतना जगाने का सफल कार्य कर रही है, तोता ए हिंद की तूती हिंदी राष्ट्र का मुकुट है, हमारी अस्मिता की पहचान है। यह भाषा राष्ट्रीय आंदोलनों का सफल नेतृत्व कर चुकी है, वर्तमान में इसका खड़ी बोली रूप प्रचलित है जो इसे नित नए आयाम प्रदान कर रहा है। राष्ट्रभाषा उसे कहते हैं जो किसी देश के बहुत बड़े भूभाग पर बोली जाए, हिंदी 60 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की भाषा है, यह भाषा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान रखती है। अमेरिका के 45 विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाने की व्यवस्था है। चीन, जापान, रूस और यूरोप के अनेक देश भारत की संस्कृति को जानने के लिए हिंदी का ज्ञान ले रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार हिंदी विश्व की सबसे समृद्ध 10 भाषाओं में से एक है, इस वर्ष जी.20 सम्मेलन की मेजबानी भी हिंदी में ही की गई, जो अपने आप में इस भाषा के लिए एक उपलब्धि है। हम भारतीय होने के नाते संविधान की आठवीं अनुसूची में स्वीकृत सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हिंदी इन सभी भाषाओं में एक विशेष महत्व रखती है। आज विदेशों में यह प्रचलित है कि यदि भारत और इसके संस्कृति को जानना है तो हिंदी भाषा का ज्ञान अनिवार्य है। हिंदी अपनी समृद्धिशाली परंपरा के साथ बिना अवरोधों के आगे बढ़ रही है, लेकिन फिर भी कुछ समस्याएं इसके मार्ग में देखने को मिलती हैं, जैसे हिंदी की बोलियां भाषा बनना चाहती हैं, इनमें भोजपुरी ने एक आंदोलन खड़ा कर रखा है, हरियाणवी बॉलीवुड की प्रचलित भाषा बन गई है, यदि हिंदी की बोलियां भाषा बन गई तो हिंदी की पहचान का संकट आ जाएगा, हमें इस दिशा में विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। इस वर्ष पहली बार देखने को मिला कि देश के गृहमंत्री ने हिंदी दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया। संक्षेप में कह सकते हैं कि हिंदी भाषा में वे सभी गुण मौजूद हैं जो एक राष्ट्रभाषा में होने चाहिए, अब केवल संवैधानिक औपचारिकता की ही आवश्यकता है।
लोकेश कौशिक
सदस्य - प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा
सहायक प्रोफेसर
स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन, झज्जर (हरियाणा )।