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राज्य सरकार द्वारा मंडी शुल्क

राज्य सरकार द्वारा मंडी शुल्क वृद्धि से आक्रोशित किसानों ने नहीं बेचा धान, शुल्क वापस लेने सचिव को सौंपा ज्ञापन

किसानों के विरोध प्रदर्शन से व्यापारी खफा

कुरुद(धमतरी)। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मंडी शुल्क में 2% की जगह 5.20%  शुल्क वृद्धि के विरोध में किसानों ने मंडी में प्रदर्शन कर धान नहीं बेचने का निर्णय लिया जिस कारण मंडी में धान खरीदी बंद रहा। किसानों ने लाला राम चंद्राकर के नेतृत्व में मंडी सचिव वरिष्ठ अवर श्रेणी उत्तमचंद्र मेश्राम को ज्ञापन सौंपकर शासन से बढ़ोत्तरी शुल्क को वापस लेने की मांग की। 

टेक्स में वृद्धि से किसानों को आर्थिक नुकसान, व्यापारी 200-300 रुपये कम दामों में खरीद रहे धान:
किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मंडी शुल्क एवं कृषक कल्याण शुल्क में बढ़ोतरी करते हुए 5.20% टेक्स वसूल रहीं हैं साथ ही अन्य अधिसूचित फसल पर 1.5% शुल्क किसानों से वसूला जा रहा है जिस कारण व्यपारियों द्वारा धान को 200-300 रुपये कम दामों में खरीद रहीं हैं जिससे किसानों को नुकसान हो रहा हैं। उन्होंने तत्काल सभी शुल्क वापस लेने की मांग की हैं। साथ ही मंडी से धान उठाव को फिलहाल बंद रखने का निवेदन भी किया गया। वहीँ इस विरोध प्रदर्शन से व्यापारी वर्ग खफा नजर आएं। 

मंडी शुल्क वापस नही होगा तब तक हम धान नहीं बेचेंगे : लालाराम चंद्राकर
किसान नेता लाला राम चंद्राकर ने कहा कि हम किसानों को राज्य सरकार आंदोलन करने को मजबूर कर दिया। वर्तमान टेक्स में जो बढ़ोतरी हुई हैं उसे सरकार वापस ले, जब तक बढ़ा हुआ मंडी शुल्क वापस नही होगा हम धान नहीं बेचेंगे। यह धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। मांग नहीं मानी जाती तो सोमवार से मंडी गेट पर अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन में बैठेंगे।

इस विरोध प्रदर्शन में लालाराम चंद्राकर, श्रीकांत चंद्राकर, चंद्रशेखर चंद्राकर, अर्जुन, वासुदेव साहू, खिलेश्वर सिन्हा, पोखर लाल ध्रुव, तेजराम साहू, अलख निरंजन चंद्राकर, भानु प्रताप, केशव चंद्राकर, देवलाल, ताराचंद साहू, किशनलाल, घनश्याम साहू, कामता प्रसाद, चिलेश्वर सिन्हा, संतोष दीवान, कृष्णा पटेल, परमेश्वर साहू, राजाराम पटेल, पूनमचंद सतनामी एवं बड़ी संख्या में किसान शामिल रहें।

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