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देवोत्थान एकादशी पर श्रद्धालुओं ने लगाई गिरिराज परिक्रमा




गोवर्धन (मथुरा)। तीर्थनगरी में देवोत्थान एकादशी पर हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाई। परिक्रमा मार्ग में आस्था की अटूट मानव श्रंखला नजर आई। हजारों पग अपने इष्ट की आस्था में देर रात तक परिक्रमा मार्ग में फिरते रहे। परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं ने पुण्य प्राप्ति के लिए नंगे पैर 21 किमी की गिरिराज परिक्रमा लगाई। इस दौरान गिरिराज परिक्रमा मार्ग में गिरिराज प्रभु के जयघोष गूंजते रहे। 
धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने कंस वध के बाद विजय उत्सव के रूप में तीन वन (मथुरा, वृंदावन और गरुड़ गोविद) की परिक्रमा लगाई। इस परिक्रमा के लगाने से श्रद्धालुओं को सभी तीर्थों की परिक्रमा का फल मिलता है। परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं ने पुण्य प्राप्ति के लिए नंगे पैर 21 किमी की गिरिराज परिक्रमा लगाई। इस दौरान गिरिराज परिक्रमा मार्ग में गिरिराज प्रभु के जयघोष गूंजते रहे। प्रभु भक्ति की डोर में बंधे श्रद्धालु राधाकुंड, गोवर्धन, आन्यौर, पूछरी का लोटा, जतीपुरा में पड़ने वाले कुंड और मंदिरों के दर्शन कर परिक्रमा कर रहे भक्तों ने पुण्य लाभ अर्जित किया। गिरिराज परिक्रमा मार्ग श्रद्धा भक्ति से महक उठा परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह भक्ति नाचती गाती नजर आई बच्चे, बुजुर्ग जवान, महिलाएं गिरिराज प्रभु के जयकारों के साथ परिक्रमा करते हुए दिखाई दिए। राधाकुंड के मंदिर और घरों में तुलसी शालिग्राम विवाह के आयोजन के लिए गए।

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