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नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास में 10 साल का सश्रम कारावास

फ़तेहपुर । नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय पॉक्सो (द्वितीय) ने एक अभियुक्त को 10 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। 20 हज़ार रुपया अर्थदंड भी लगाया है।

अभियुक्त द्वारा जमा की जाने वाली अर्थदंड की राशि में से दस हज़ार रुपये पीड़िता को दी जाएगी। वहीं अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।

सजायाफ्ता असोथर थाना क्षेत्र के रहीमपुर निवासी शंकर नोनिहा है। पॉक्सो के अपर सत्र न्यायाधीश अनुभव द्विवेदी ने अभियुक्त को बाल लैंगिक अपराध व संरक्षण अधिनियम की धारा 4 में दोषी पाते हुए सजा सुनायी है।

पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि 19 मार्च 2015 को इसी गांव की एक नाबालिग लड़की को खेत मे आलू बीनने के लिए बुलाया था। इस दौरान 12 बजे दोपहर के करीब अभियुक्त खेत पहुंचा और उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। हल्ला मचाने पर अभियुक्त जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गया था।

इसके बाद डरी सहमी लड़की घर पहुँचकर परिजनों को आपबीती बताई। मामले में परिजन पीड़िता को लेकर असोथर थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी। कोर्ट में मामले की सुनवायी पूरी करते हुए ऐसे अपराध जो बच्चों के बचपन को छीन ले मानवता को शर्मसार करने वाला बताते हुए न्यायाधीश ने अपने फैसले में दस साल के सश्रम कारावास के साथ 20 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया है।

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