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इंसानियत का पैगाम देता है इस्लाम: कारी मो. हनीफ

रुपईडीहा(बहराइच)। माहे- ए- रबी उल अव्वल वह मुबारक और पवित्र माह हैं। इसमें हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश हुई।

मोहम्मद साहब का पालन पोषण ऐसे माहौल में हुआ जहां तरह-तरह की  बुराइयां फैली हुई थी। जश्ने ईद मिलाद उन नबी के अवसर पर रंजीतबोझा गांव में आयोजित जलसा से खिताब करते हुए कारी मोहम्मद हनीफ खां ने कही।

उन्होंने कहा कि खुदा पाक ने अपने दीन के प्रचार के लिए हजरत मोहम्मद साहब को अपना आखिरी नबी बनाकर भेजा, इस्लाम और पैगंबर ए इस्लाम ने दुनिया को इंसानियत का पैगाम दिया है।

इस्लाम हमेशा अमन व भाई चारे का प्रतीक रहा है। हजरत मोहम्मद साहब दुश्मनों के जुल्म सितम के बाद भी लोगो को दुआएं दीं। उनके इस अखलाक को देखकर बड़े-बड़े सूरमा भी उनके कदमों तले सर रख दिया। इस अवसर पर मुफ्ती मुजफ्फर साहब ने कहा मुसलमानों को चाहिए की हजरत मोहम्मद साहब के बताए हुए तरीके व तालीम पर अमल करें यही उनके लिए निजात का रास्ता है।

जलसे को खिताब करते हुए कारी नौशाद रजा ने कहा कि तालीम तरक्की वाहिद जीना है। जिसके बगैर दुनिया व आखिरत अधूरी है। अपने बच्चों को कुरान पाक व हदीस ए रसूल की तालीम सबसे पहले दिलाएं उनके बाद में दुनियावी तालीम दिलाएं। इस अवसर पर कारी असलम रजा ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब के अनुयाई प्यारे सहाबा हर उस काम को पसंद करते थे जिसको अल्लाह और रसूल पसंद करता है। जलसा का संचालन हाफिज सलमान खां आरफी ने किया।

इस अवसर पर कारी आरिफ मौलाना लईक ने भी जलसे में हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर अपने-अपने विचार रखे।

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