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भोपाल को 14 नवम्बर तक कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सुनियोजित प्रयास करें : संभागायुक्त श्री कियावत

भोपाल। संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने भोपाल जिले को आगामी 4 सप्ताह यानी 14 नवम्बर तक कुपोषण मुक्त बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और आयुष विभाग के अमले को सुनियोजित योजना अनुसार तुरन्त प्रयास करने के लिए शनिवार को टिप्स दिए।

संभागायुक्त सभागार में सम्पन्न हुई बैठक में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया और महिला एवं बाल विकास की संयुक्त संचालक श्रीमती नक़ीजहां कुरैशी, सीएमएचओ सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।

। संभागायुक्त श्री कियावत ने कहा कि कुपोषण को समाप्त करने के लिए इसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्त भोपाल बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। श्री कियावत ने सर्वाधिक जोर कुपोषित बच्चे के माता पिता की जागरूकता और परिवार को सक्षम बनाने के लिए 3 सूत्रीय कार्ययोजना पर दिया। श्री कियावत ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पोषण मित्र संकल्प ले कि जब तक कुपोषित बच्चे स्वस्थ नहीं हो जाते प्रतिदिन उनकी देखभाल करेंगे, पोषण आहार उपलब्ध कराएंगे। पोषण मित्र, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चे की उसी तरह देखभाल करें जिस तरह वह अपने बच्चों की देखभाल करते हैं। उनके पर्याप्त पोषण आहार का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक सक्षम व्यक्ति पोषण मित्र बनकर एक-एक कुपोषित बच्चे की जिम्मेदारी ले, तो कुपोषण की समस्या को खत्म किया जा सकता है। ग्राम सेवक, सरपंच, सचिव सबका दायित्व है कि गॉव के भीतर किसी भी बच्चे को कुपोषित ना रहने दें। संभागायुक्त श्री कियावत ने कहा कि शिशु का पहला आहार मॉ का दूध ही होना चाहिए, यह शिशु में रोग- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है वहाँ कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन प्रोटीन पाउडर, पोष्टिक भोजन, फल, दूध आदि उपलब्ध कराएं। कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन ऑगनबाड़ी लाए या उनके घर पर पहुंचकर बच्चे के लालन पालन, रोज की सेहत, व्यक्तिगत स्वछता और पोषण आदि पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि आरोग्यम केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों पर पदस्थ सीएचओ और अन्य स्वास्थ्य अमला अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करें, अभिभावकों की काउंसलिंग करें, उन्हें पोषण आहार की जानकारी दें।    संभागायुक्त ने कहा कि कुपोषित बच्चें के परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें शासन की योजना स्ट्रीट वेण्डर, स्व-सहायता समूह सहित अन्य योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना होगा ताकि वह अपने बच्चे के समुचित पोषण आहर पर ध्यान दे सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि विकासखण्ड स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित करें। जहां प्रत्येक कुपोषित बच्चे की जानकारी हो और परिवार के सदस्यों का नम्बर हो। कॉल सेंटर से कुपोषित बच्चों के परिजनों को प्रतिदिन फोन करें। स्वास्थ्य की जानकारी लें, समझाईश दें। संभागायुक्त श्री कियावत द्वारा बच्चों को पोषण किट भी वितरित की गई। 


बैठक में भोपाल कलेक्टर श्री लवानिया ने बताया कि 30 सितंबर तक के आंकड़ों के मान से भोपाल को कुपोषण मुक्त करने के प्रयास प्रारम्भ कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन आंगनबाड़ी के क्षेत्र में एक दो बच्चे इस श्रेणी में है,उनकी पहचान कर घर भेंट शुरू की गई है और माता-पिता की काउंसलिंग भी की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भोपाल जिला 14 नवम्बर तक कुपोषण मुक्त हो जाएगा। कलेक्टर श्री लवानिया ने बताया कि सबसे पहले जिस आंगनबाड़ी द्वारा निर्धारित योजना अनुसार काम कर अपने क्षेत्र को कुपोषण मुक्त किया जाएगा,उन्हें पुरष्कृत करने की योजना है। उन्होंने कहा कि पोषण मित्र को भी प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने सुपरवाइजर्स को निर्देश दिए कि वे भी नियमित ग्रह भेंट करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एंड कमांड रूम बनाया जाएगा।

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