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सरकार का प्रयास, हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल कर राष्ट्र के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित किया जाए : डीएम

अलीगढ़(उप्र)।           प्रदेश में किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मदद करने के लिए राज्य सरकार द्वारा रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष संचालित है। महिला सम्मान कोष के माध्यम से हिंसा से पीड़ित महिलाओं के इलाज एवं पुनर्वास के लिए 3 से 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है।

महिला सम्मान कोष का उद््देश्य किसी भी तरह की पीड़ित महिलाओं और युवतियों को हर तरह की मदद देना है। इस मदद के जरिये उनके पुनर्वास कार्यक्रम या जरूरत हो तो शिक्षा एवं आजीविका के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है। सरकार का प्रयास यह है कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को भी समाज की मुख्यधारा में शामिल कर राष्ट्र के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित किया जाए।

 उक्त उद्गार जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने कलैक्ट्रेट सभागार मंगलवार को रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की जिला संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि महिला सम्मान कोष में आम लोगों को भी योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। महिला सम्मान कोष में योगदान करने वाले आम लोगों को इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80 जी के तहत आयकर में छूट भी दी जाती है।

जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं एवं बालिकाओं को तात्कालिक आर्थिक मदद के लिए, हिंसा की शिकार महिलाओं के इलाज के लिए, हिंसा से पीड़ित महिलाओं के अवयस्क बच्चों के भरण-पोषण एवं शिक्षा के लिए, दयनीय आर्थिक हालात की वजह से कन्याओं के इलाज, पढ़ाई में मदद के लिए सम्मान कोष द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

।बैठक में 28 केसो पर समीक्षा की गयी, समीक्षा के दौरान 27 केसो को स्वीकृत कर भुगतान के लिए सहमति प्रदान कर एक केस अस्वीकृत किया गया। डीएम ने निर्देश दिये कि जो केस स्वीकृत किये गये हैं उन पर तत्काल भुगतान की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी, चिकित्सा एवं पुलिस विभाग पर जो आवेदन पत्र लम्बित है उन पर तत्काल कार्यवाही कर अपने डिजिटल हस्ताक्षरों से अग्रसारित करें ताकि ससयम भुगतान की कार्यवाही की जा सके। जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि एसिड अटैक, बलात्कार या घरेलू हिंसा के मामलों के बाद महिलाओं को न सिर्फ मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है, बल्कि इलाज पर भी काफी खर्च करना पड़ता है. इसके बाद उन्हें जीवन यापन में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। महिला सम्मान कोष के जरिये हिंसा या अन्य अपराध से पीड़ित महिलाओं को समाज में सम्मान के साथ जीने में मदद की जाती है। उन्होंने महिला सम्मान कोष से मदद पाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आवेदन की प्रक्रि ऑनलाइन है। इसमें जिस महिला को मदद दे जानी है, उस इलाके के नोडल पुलिस ऑफिसर पीड़ित की जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करते हैं। इसके बाद इलाके के नोडल मेडिकल ऑफिसर पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड कर उसे जिला समिति के पास फॉरवर्ड कर देते हैं। इसके बाद समिति उस मामले पर विचार और चर्चा कर उसे संबंधित बैंक से वेरिफिकेशन कर ट्रेजरी ऑफिस भेज देती है. इसके बाद जरूरी मंजूरी मिलते ही मदद की राशि पीड़ित महिला के बैंक अकाउंट में पहुंच जाती है। बैठक में जिला संचालन समिति के सदस्य सुशील कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक अभियोजन, श्री महेन्द्र कुमार(द्वितीय) मा0 सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण, सुमन क्षेत्राधिकारी बरला, डा0 बी0के0 राजपूत अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डा0 रजनी गुप्ता, डा0 राश्मि चौधरी, अनुराग सिंह आदि उपस्थित रहे।

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