विद्युत मंत्रालय ने विद्युत नियमावली-2021 लागू की
नई दिल्ली। नई दिल्ली विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (ट्रांसमिशन प्रणाली योजना, विकास और अंतर राज्यीय ट्रांसमिशन प्रभारों की वसूली) नियमावली, 2021 लागू की। वर्तमान में विद्युत उत्पादक कंपनियां अपने आपूर्ति संपर्कों से दीर्घकालिक पहुंच एलटीए के आधार पर आवेदन करती है, जबकि मध्यम अवधि और अल्पकालीन ट्रांसमिशन पहुंच उपलब्ध मार्जिन के अंदर हासिल की जाती है।
यह नियमावली ट्रांसमिशन योजना की प्रक्रिया के साथ-साथ इसकी लागत में तार्किकता, जिम्मेदारी और निष्पक्षता लाएगी। ट्रांसमिशन पहुंच प्राप्त करने की मौजूदा प्रणाली में एक बड़े बदलाव के रूप में विद्युत संयंत्रों को अपने लक्षित लाभार्थियों को निर्दिष्ट नहीं करना पड़ेगा। यह नियमावली राज्य विद्युत वितरण एवं ट्रांसमिशन जरूरतों को निर्धारित करने और उनका निर्माण करने में भी सशक्त बनाएगी।
इसके अलावा राज्य अल्पावधि, मध्यम अवधि के आधार पर अनुबंधों से विद्युत बिजली खरीद सकेंगे और अपनी विद्युत खरीद लागत में बढोतरी कर सकेंगे। जीएनए शुरू करने के अलावा यह नियमावली ट्रांसमिशन योजना प्रक्रिया में शामिल विभिन्न एजेंसियों की स्पष्ट भूमिकाओं को भी निर्दिष्ट कर सकती है। इससे पूर्व किए गए सुधारों की श्रृंखला में केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह के निर्देशानुसार मंत्रालय ने ट्रांसमिशन के लिए बोलियों में पारदर्शिता और समान अवसर प्रदान करने के लिए केन्द्रीय ट्रांसमिशन यूटीलिटी को पावर ग्रिड से अलग कर दिया था और निवेश आकर्षित करने और अधिक प्रतिस्पर्धा के लिए ट्रांसमिशन परियोजनाओं की लॉक-इन अवधि में कमी की गई थी। विद्युत मंत्रालय ने उपभोक्ता की अधिकार नियमावली भी जारी की थी जो उपभोक्ताओं को सशक्त बनाती है, जिसमें देरी से भुगतान करने पर अधिभार की सीमा निर्धारित करने वाले नियम भी निर्दिष्ट किए गए हैं।