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26 सितम्बर को बेटी दिवस पर अलीगढ़ की बेटी ने ली अंतिम सांस , जनपद में खेलों के विकास पर रहा महत्वपूर्ण योगदान

अलीगढ़(उप्र) । 26 सितम्बर को बेटी दिवस पर अलीगढ़ की बेटी ने ली अंतिम सांस , जनपद में खेलों के विकास में रहा महत्वपूर्ण योगदान । -

उनके पुण्यतिथि पर हर वर्ष उनके नाम का खेल एवार्ड अलीगढ़ की खिलाड़ी बेटियों को दिया जाएगा - मज़हर अहिंसा फाउंडेशन के तत्वावधान में अहिंसा फाउंडेशन की सह अध्यक्षता एवं जाकिर हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्या, जिला एथलेटिक संघ की अध्यक्षा श्रीमती शहनाज खान के प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सर्वधर्म श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जाकिर हुसैन स्कूल के प्रांगण में संपन्न हुआ।

श्रद्धांजलि सभा में परम पूज्य स्वामी आनंदपुरी महाराज ने कहा कि गीता में लिखा है कोई व्यक्ति मरता नहीं है आत्मा केवल शरीर बदलती है डॉक्टर शहनाज खान के व्यक्तित्व से हम लोग हमेशा नई पीढ़ी को ऊर्जावान करते रहे यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।

जत्थेदार सरदार भूपेंद्र सिंह ने गुरु ग्रन्थ साहब का पाठ करते हुए कहा कि जीना झूठा है मरना सत्य है ,समाज उन्हें याद करता है समाज में ही याद करता है जो समाज के लिए काम करते हैं ।

मुफ्ती जाहिद ने कुरान का हवाला देते हुए कहा कि जो इस कायनात में आया है उसे फना होना ही  मरहूमां शहनाज साहिबा के अच्छे कर्म हमेशा समाज को प्रेरणा देते रहेंगे । बाइबिल का पाठ करते हुए  जॉनी फास्टर ने कहा कि "खुदा ने दी है जो मुझको वही पहचान रहने दो , मैं इंसान हूं मुझे इंसान रहने दो ।

डॉ आज़म मीर  खान ने कहा कि  मरहूमा डाक्टर शहनाज खान  बड़ी अनुशासन प्रिय थी उन्होंने इस स्कूल को चार चांद लगा दिए। 

पूर्व विधायक श्री विवेक बंसल ने कहा कि मेरे राजनीतिक सफर में डॉक्टर शहनाज हमेशा मेरे साथ रहीं उनके व्यक्तित्व को सलाम उन्होंने  श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि "उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए "

जिला ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष मजहर उल कमर उनके द्वारा खेलों में किये गए योगदान को याद करते हुए घोषणा कि की डाक्टर शहनाज़ की मौत 26 सितम्बर को बेटी दिवस के दिन हुई इसलये जिला ओलम्पिक एसोसिएशन हर वर्ष उनके पुण्यतिथि पर उनके नाम का एवार्ड जनपद की बालिका खिलाड़ियों को दिया जाएगा ।  लाल बहादुर शास्त्री कन्या महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक सक्सेना ने कहा कि डॉ शहनाज खान का शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा है उसे कभी भुला नहीं सकते  । कार्यक्रम का संचालन करते हुए अहिंसा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाक्टर राकेश सक्सेना ने बताया कि डॉ शहनाज खान का जन्म 5 जून 1946 को हुआ था उन्होंने विवाह के उपरांत भी पढ़ाई जारी रखी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमएससी, गणित और पीएचडी करते हुए अपने बच्चों का लालन-पालन किया , डा. सक्सेना ने आगे कहा कि  डाक्टर शहनाज़ सन 1988 से जाकिर हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रधानाचार्य का दायित्व संभाला और इन तीन दशक में इस विद्यालय को गरिमा प्रदान की इससे पहले आप लीबिया के  अल्फलाह यूनिवर्सिटी में 5 वर्ष तक प्रोफेसर भी रही । आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को पुरस्कृत करते हुए देश की राष्ट्रीय संस्थाओं ने तीन दर्जन से अधिक बार आप को सम्मानित किया । इस अवसर पर उनके सुपुत्र प्रोफेसर नवेद खान एवं उनकी सुपुत्री डॉक्टर हुमैरा खान ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला । सर्वधर्म श्रद्धांजलि सभा में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कंट्रोलर प्रोफेसर मुजीब उल्ला जुबेरी ,डॉक्टर फैसल खान ,डॉक्टर ज़ेबा खान ,तैयबा लियाकत, प्रोफेसर फिजा तबस्सुम आज़मी, प्रोफेसर इशरत हुसैन, डॉक्टर कलीम ज़ैदी ,  डाक्टर शहाब ,डाक्टर तल्हा , अदनान खलील, सुल्तान सलाहुद्दीन, डॉ मुनीस जहीर, खुर्रम जैदी ,असद जहीर, जुल्फिकार अली भुट्टो, सैयदा खातून, शमशाद निसार आज़मी , तौफीक अहमद, बाबा भगत सिंह ,दानिश मोहसिन, हीरा सिंह, डॉ आबिद हुसैन ,कमर सिद्दीकी, श्रीमती अतिया, श्रीमती शबाना, श्रीमती इलमा ,श्रीमती निर्मल सक्सेना, मलिक फहीमुद्दीन, रियाजुद्दीन ,अब्दुल गफ्फार ,राहुल राज, मोहम्मद अरीब ,मोहम्मद शमीम ,मोहम्मद नदीम खान , सेलिना खान, अलीशा खान ,रूसल सिद्दीकी एवं स्कूल के समस्त स्टाफ सदस्य एवं छात्र छात्राओं ने डॉक्टर शहनाज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।

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