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नौ घंटे की बारिश ने दिए लाखों के जख्म

कुल्लू।  हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को बारिश का सिलसिला जारी रहा। लगातार नौ घंटों तक हुई बारिश के कारण कारण कई हादसे पेश आए हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक 432 लोगों की जान बरसात में हुई दुर्घटनाओं में हो चुकी है। मानसून की भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश में आम जनजीवन को फिर से अस्त-व्यस्त कर दिया है।

लगातार बारिश से जगह-जगह भू-स्खलन की घटनाएं सामने आई हैं और 123 सड़कों पर आवाजाही ठप पड़ गई है, जबकि सात घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिमला जिला में मूसलाधार बारिश हुई है। बारिश से अप्पर शिमला में सेब सीजन पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। सड़कों के बंद होने से बागबानों को सेब समय पर मंडियों में पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैै।

लोक निर्माण विभाग के मुताबिक शिमला जोन में 90 सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। इनमें 44 सड़़कें रोहड़ सर्किल में अवरुद्ध हैं। मंडी जोन में 18, हमीरपुर जोन में नौ और कांगड़ा जोन में छह सड़कों पर आवाजाही ठ है। विभाग ने सड़कों की बहाली के लिए 187 के करीब मशीनें तैनात की हैं। बरसात से लोक निर्माण विभाग को अब तक 67308.29 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है।

इस बीच मनाली-लेह नेशनल हाईवे-तीन नेहरू कुंड के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हुआ है तथा छोटे वाहनों को ओल्ड मनाली से होकर भेजा जा रहा है। बिलासपुर में बारिश से चार कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए, जबकि हमीरपुरए शिमला ओैर ऊना में एक-एक कच्चे मकान को नुकसान पहुंचा है। बिलासपुर में पांच, मंडी में दो और ऊना व हमीरपुर में एक-एक पशुशाला भी ध्वस्त हो गईं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मानसून सीजन में चल व अचल संपति को 1108 करोड़ का नुकसान हुआ है। 27 सितंबर तक होगी बारिश मौसम विभाग की मानें तो 24 से 27 सितंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। अधिकतर इलाकों में मध्यम दर्जे की बारिश होगी, जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात होने के आसार हैं। हालांकि मौसमम विभाग ने प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया है। वहीं, बारिश को देखते हुए माना जा रहा है कि मानसून अक्तूबर में ही रुख्सत होगा। नेहरुकुंड में गिरी चट्टानें मनाली – पर्यटक नगरी मनाली से छह किलोमीटर दूर नेहरूकुंड में एक बार फिर भू-स्खलन से मनाली-लेह सड़क पर बड़ी-बड़ी चट्टाने आने से मार्ग तीन घंटे तक ठप रहा। दोनों तरफ वाहन फंसने से यात्रियों और सैलानियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लाहुल और कुल्लू प्रशासन ने यात्रियों से इस मार्ग पर सावधानी बरतने की अपील की है। मनाली-लेह मार्ग पर नेहरूकुंड प्वाइंट पर बार-बार भू-स्खलन हो रहा है। इससे इस मार्ग पर यात्रा करना खतरनाक साबित हो सकता है। इस मार्ग पर यात्रा के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रशासन ने भी ऐसी ही एडवाइजरी जारी की है। दो सप्ताह के भीतर इस स्थान पर तीन बार भू-स्खलन हुआ है। तहसीलदार मनाली एनसी वर्मा ने बताया कि नेहरूकुंड पर भू-स्खलन होने से यातायात कुछ घंटे बंद रहा। मनाली-लाहुल की चोटियों पर फिर हुआ हिमपात केलांग – मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी है। लगतार हो रही बारिश के बाद तापमान में भारी गिरावट आने से लाहुल-स्पीति और मनाली की चोटियों पर एक बार फिर हिमपात हुआ है। इससे मनाली-लेह मार्ग पर सफर जोखिम भरा बन गया है। लाहुल प्रशासन ने भी अलर्ट जारी करते हुए इस सड़क मार्ग पर मौसम की स्थिति को देखते हुए ही सफर करने की सलाह दी है। बारालाचा, तंगलंगला, शिंकुला व कुंजुम दर्रे पर भी ताजा बर्फ गिरने की सूचना है। मनाली-लेह मार्ग पर सरचू में स्थापित पुलिस चैक पोस्ट में जवानों अलर्ट रहने के आदेश दिए है। उधर, गुरुवार को मनाली की ऊंची चोटियों धुंधी, मकरवे, शिकरवे, सेवन सिस्टर पीक, मनाली पीक, लद्दाखी पीक, हनुमान टिब्बा, देउ टिब्बा, मांगन कोट, फ्रेंडशिप पीक सहित शिघरी ग्लेशियर, लेडी ऑफ केलांग व नीलकंठ की पहाडिय़ों सहित समस्त ऊंची चोटियां बर्फ से सफेद हो गई है। पर्यटन नगरी मनाली में भी सुबह से ही बारिश का क्रम जारी है। ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने से घाटी के पर्यटन कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है। उपायुक्त लाहुल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि मौसम विभाग ने 28 सितंबर तक बारिश व बर्फबारी की चेतावनी दी है। नौहराधार में बारिश, बसाली में मलबे में बही कार नौहराधार- तीन दिनों से हो रही बारिश ने क्षेत्र में तबाही मचा दी है। यहां अधिकतर सड़कें बंद हो गई हैं, वहीं कई घरों व स्कूल में पानी घुसने से आफत बन गई है। लानाचेता पंचायत के बसाली गांव में पीछे से मलबा आने से स्कूल के चारों ओर पानी व मलबा घुस गया है। साथ ही सड़क किनारे खड़ी एक गाड़ी भी मलबे में बह गई। बारिश से किसानों की नकदी फसलें बर्बाद हो गई हैं।

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