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महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या के मामले में आंनद गिरी हरिद्वार से गिरफ्तार,

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि‍ आत्महत्या मामले में पहली एफआईआर प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में दर्ज की गई है।

महंत नरेंद्र गिरि‍ के शिष्य अमर गिरि‍ पवन महाराज की तरफ से दर्ज करवाई गई एफआईआर में सिर्फ उनके शिष्य आनंद गिरि‍ को नामजद आरोपी बनाया गया है।

आनंद गिरि‍ के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आनंद गिरि‍ को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।

पुलिस ने आनंद गिरि‍ को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है और अब उन्हें सड़क मार्ग से प्रयागराज लाया जा रहा है। उधर बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एफआईआर के मुताबिक नरेंद्र गिरि सोमवार दोपहर लगभग 12:30 बजे बाघम्बरी गद्दी के कक्ष में भोजन के बाद रोज की तरह विश्राम के लिए गए थे। रोज 3 बजे दोपहर में उनके चाय का समय होता था,लेकिन चाय के लिए उन्होंने पहले मना किया था और यह कहा था जब पीना होगा तो वह स्वयं सूचित करेंगे। शाम करीब 5 बजे तक कोई सूचना न मिलने पर उन्हें फोन किया गया। लेकिन महंत नरेंद्र गिरि‍ का फोन बंद था। इसके बाद दरवाजा खटखटाया गया तो कोई आहट नहीं मिली।

इसके बाद सुमित तिवारी, सर्वेश कुमार द्विवेदी, धनंजय आदि ने धक्का देकर दरवाजा खोला। तब महाराज जी पंखे में रस्सी से लटकते हुए पाए गए। महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले में यह पहला कानूनी कदम है, जिसमें आनद गिरी को आरोपी बनाया गया है। अब उनकी मौत हत्या थी या आत्महत्या इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा. फिलहाल डॉक्टरों के पैनल द्वारा उनका पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा. उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए बाघंबरी पीठ मठ में रखा जाएगा. जानकारी के मुताबिक मठ में ही नरेंद्र गिरी को भू-समाधि दी जाएगी।

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