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कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ, 14 दिनों तक चलेगी भागवत कथा

बोधगया। बोधगया के सुजाता बाइपास स्थित एक निजी होटल में सोमवार को 14 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का कलश शोभायात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। काली मंदिर के पास निरंजना नदी से जलभरी कर कलश यात्रा निकली।

कलश यात्रा में महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए मंगल गीम गाते हुए चल रही थीं, जबकि नगरवासी भजन-कीर्तन के साथ नाचते गाते जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।

शोभायात्रा में आयोजक परिवार श्रीमद भागवत ग्रंथ धारण किए हुए थे। श्री धाम वृंदावन से पधारे कथावाचक क्रांतिकारी राष्ट्र्ीय संत महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेवजी महाराज ने भागवत कथा की अमृत वर्षा करते हुए सभी श्रद्धालुओं को रसपान कराया। उन्होंने भागवत के महत्व, भक्ति का महत्व के बारे में समझाया।

गोकर्ण उपाख्यान एवं कथा सुनने की विधि समझाएं। कहां कि बज्र, वृंदावान में प्रभु और राधा रानी कण-कण में विराजमान है। पहले दिन उन्होंने अपनी सुमधुर वाणी से अपने माता-पिता के प्रति अपने दायित्व, श्रद्धा और भावपूर्ण सेवा करने का उपदेश दिया। श्राद्धपक्ष में पिण्डदान, तर्पण, भागवत पोथी पाठ का विशेष महत्व हैं, किन्तु वास्तव मे वे ही जीवन कस उध्दार कर पाते है।। जो जीवन माता-पिता की श्रद्धापूर्वक सेवा करते है। ऐसे ही सेवाभावी लोगों के द्वारा किए अनुष्ठानों को भगवान भी स्वीकार करते है। स्वामी जी ने प्रेरक वचनों से भक्तों -श्रोताओं को संबोधित करते हुए क्रांतिवाणी मे नशा मुक्ति, मांस-मदीरा, गुटखा, तंबाकू आदि व्यसनों पर कुठाराघात किया। उन्होंने बताया कि अपने पूर्वजो के लिए उनके कल्याणार्थ उनकी खुशी के लिए उनके बताए आदर्शों का पालन, बुराईयों का त्याग करते हुए गौसेवा, ब्राह्मण भोज जैसे सेवा काते हुए पितृपक्ष का सफल करना चाहिए। इस मौके पर इंभंट संचालक पिंकु सिंह, प्रो0 मनोज कुमार त्रिपाठी, पुना शर्मा सहित अनेकों लोगों ने कथा का अनंद उठाया।

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