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7 दिन के भीतर पुनः सर्वे कर नॉन फिजिबल कार्य निरस्त करें, शेष कार्य जल्द पूर्ण करें : कलेक्टर

सवाई माधोपुर। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में सभी बीडीओ की बैठक लेकर मनरेगा समेत अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।

कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मनरेगा कार्यो के चयन में ध्यान रखें कि स्थायी परिसम्पत्ति निर्माण के ज्यादा से ज्यादा कार्य हों, समान जनसंख्या व भौगोलिक स्थिति वाली ग्राम पंचायत या गांवों में कार्यों की संख्या में ज्यादा अंतर न हो। 

कलेक्टर ने निर्देश दिये कि राजीव गांधी जल संचय योजना तथा समेकित जल ग्रहण कार्यक्रम में स्वीकृत जो कार्य अब तक षुरू नहीं हुये हैं, ज्लद से जल्द कार्य शुरू करवायें। एसडीओ तथा बीडीओ इस कार्य की मॉनिटरिंग कर सम्बंधित सहायक अभियन्ता को निरन्तर निर्देशित करे। इस योजना में मेढबंदी, चारागाह विकास, जल संरक्षण ढॉंचा जैसे व्यक्तिगत लाभ व सार्वजनिक  कार्य स्वीकृत हैं।

कलेक्टर ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में निर्देश दिये कि राजीव गांधी जल संचय योजना  के क्रियान्वयन और निगरानी के लिये गठित ब्लॉक स्तरीय समिति तथा ग्राम स्तरीय समितियों को निरन्तर सक्रिय रखें।  चौथ का बरवाडा में 517 जल संरक्षण कार्यों का 7 दिन में पुनः सर्वे कर कार्य  शुरू करवाने, नॉन फिजिबल वर्क केंसल कर नये कार्य स्वीकृत करवाने के निर्देश दिये। वाटरशेड में बौंली में 3 करोड 38 लाख रूपये की लागत के 446 कार्य स्वीकृत हैं, इनमें से 10 कार्य पूर्ण हुये हैं। इसी प्रकार सवाईमाधोपुर में 32 में से 2, बामनवास में 182 में से 70 तथा चौथ का बरवाडा में 163 में से 81 कार्य पूर्ण हुये हैं।

राजीव गांधी जल संचय योजना में जिले में 18 करोड 41 लाख रूपये लागत से 2032 कार्य होने हैं, इनमें से 1 करोड 96 लाख रूपये लागत से 292 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।मनरेगा में सभी पंचायत समितियों में 2-2 आदर्श तालाबों का निर्माण भी करवाया जा रहा है।

जल ग्रहण कार्यों में पंचायती राज के माध्यम से 375, ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 418, वन विभाग के 200 तथा वाटरशेड के 2032 कार्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मनरेगा में 7 करोड 27 लाख रूपये लागत के 789 जल संरक्षण ढॉंचा निर्माण कार्य भी जिले में चल रहे हैं। कलेक्टर ने बताया कि इन सभी कार्यों के पूर्ण होने पर जिले मे भू जल स्तर में बढोतरी होगी, पेयजल समस्या का कुछ हद तक समाधान होगा।

बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. एस. चौहान, वाटरशेड, वन, कृषि, उद्यानिकी व अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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