अखंड सौभाग्य का व्रत है वट सावित्री, पूजा की थाली में होनी चाहिए ये सामग्री, देखे
जमशेदपुर (झारखंड)। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि अर्थात 10 जून 2021, गुरुवार को वट सावित्री व्रत रखा जा रहा है। ये व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए व्रत करती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि बरगद के पेड़ में साक्षात ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। तो आइए जानते हैं कि पूजा से संबंधित किन-किन सामग्रियों की आपको पड़ सकती है जरूरत, क्या है पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व और मान्यताएं।
वट सावित्री व्रत की क्या है मान्यताएं
ऐसी मान्यता है कि माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान मौत के मुहं से निकाला था। इसके लिए उन्हें वट वृक्ष के नीचे ही कठोर तपस्या करनी पड़ी थी। इतना ही नहीं पति को दोबारा जीवित रखने के लिए सावित्री यमराज के द्वार तक पहुंच गयी थी।
वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त:
अमावस्या तिथि आरंभ: 9 जून 2021, बुधवार की दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से, अमावस्या तिथि समाप्त: 10 जून 2021, गुरुवार की शाम 04 बजकर 22 मिनट तक
वट सावित्री व्रत के लिए महत्वपूर्ण पूजन सामग्रियां:
लाल पीले रंग का कलावा या रक्षा सूत्र, कुमकुम या रोली, बांस का पंखा, धूप, दीपक, घी-बाती, सुहागिनों के सोलह श्रृंगार की सामग्री, पूजा के लिए सिंदूर, पांच प्रकार के फल, पुष्प-माला, पूरियां, गुलगुले, भिगोएं चने, जल भरा हुआ कलश, बरगद का फल, बिछाने के लिए लाल रंग का आसन।
इस तरह करे वट सावित्री व्रत की पुजा।