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पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की हिंदू जागरण मंच ने उठाई मांग.

पश्चिम बंगाल(West Bengal) में विधानसभा चुनाव होने के बाद राज्य की स्थिति ठीक नहीं हैं। ममता बनर्जी(Mamata Banerjee) की सरकार बनने के बाद लगातार एक के बाद एक मसले सामने आ रहे हैं। राज्य की जनता ममता के प्रशासन से हताश हो चुकी है। प्रशासन अपनी मनमर्ज़ी करता नजर आ रहा है। लोगों को अपने घरों पर रहना पड़ता है।

ऐसे में हिंदू जागरण मंच ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए जिलाधिकारी(DM) के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। आपको बताते है ऐसा क्यों किया गया और क्या कारण रहे।

जिलाधिकारी(DM) के माध्यम से दिया गया ज्ञापन -


पश्चिम बंगाल के एक हिंदू जागरण मंच की ओर से महामहिम राष्ट्रपति(President) रामनाथ कोविंद(Ramnath kovind) जी को जिलाधिकारी(DM) के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक मंशा से की जा रही गतिविधियों को रोकने में नाकामयाब पश्चिम बंगाल सरकार को शासन से हटाने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की उठाई है। इस संगठन का कहना है कि “हमें गर्व है कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं और इस देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं”। बीते वर्षों में हमारे देश के लोकतंत्र ने विश्व भर के समुदायों में एक परिपक्व लोकतंत्र के रूप में अपनी छवि बनाई है और दिनोंदिन राजनीतिक भावना से दूर रहकर इसको मज़बूत किया है l

ज्ञापन में लिखा है निवेदन करना है कि गत दिनों पश्चिम बंगाल में राजनीतिक मंशा से जो-जो हो रहा है, उससे हजारों लोगों को हताश होना पड़ रहा है। यह हमारे लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं। हर एक नागरिक को जीवन एवं स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया हैl जबकि राज्य में एक नागरिक के मूल अधिकारों का भी हनन किया गया है। गत दिनों पश्चिम बंगाल के 23 जिलों में हिं सा के 15,000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और इसमें 16 जिलों की स्थिति ठीक नही है। पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने में पश्चिम बंगाल की सरकार नाकाम हो चुकी है ।
पश्चिम बंगाल में सरकार से हताश होकर हिंदू जागरण मंच राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग करता है। हिंदू जागरण मंच यह भी मांग करता है, कि गत दिनों एवं वर्तमान में भी पश्चिम बंगाल में हो रही हिं सा की जांच एक विशेष जांच कमेटी (एस.आई.टी) बनाकर की जाए।

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