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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री महा आरोग्य कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करेंगे

 
 युवाओं को मिलेगा हेल्थकेयर, मेडिकल, नर्सिंग, डोमेस्टिक हेल्थकेयर वर्कर्स का प्रशिक्षण

 वर्धा (महाराष्ट्र): स्वास्थ्य, चिकित्सा, नर्सिंग और घरेलू स्वास्थ्य कर्मियों में कौशल विकास प्रशिक्षण उन युवाओं को दिया जाएगा जो राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, ताकि स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र को कुशल श्रमशक्ति प्रदान की जा सके। इसके लिए प्रमोद महाजन कौशल एवं उद्यमिता विकास मिशन के तहत 'मुख्यमंत्री महारोग्य कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम' लागू किया जाएगा जिसमें युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 इस संबंध में कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता विभाग का एक विस्तृत सरकारी शासन निर्णय 19 मई को जारी किया गया है और यह महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है।  फिलहाल कोरोना के प्रकोप के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में पर्याप्त शक्ति तैयार करने के लिए संभावित तीसरी लहर की स्थिति में प्रशिक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा।  इतना ही नहीं, इस शक्ति का उपयोग राज्य के महामारी की अवधि में भी किया जाएगा और इन युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ स्थायी रोजगार भी मिलेगा।

 राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का चयन ग्रीन चैनल के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के रूप में पंजीकृत कर किया जाएगा।  20 से अधिक बिस्तरों वाले निजी अस्पतालों का भी व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के रूप में पंजीकरण कर चयन किया जाएगा।  इन संस्थानों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।  प्रशिक्षण दल में अभ्यर्थियों की संख्या न्यूनतम 20 तथा अधिकतम 30 होनी चाहिए।  लेकिन विशेष मामले के रूप में इस योजना के लिए प्रशिक्षण इकाई में न्यूनतम 5 प्रशिक्षुओं की अनुमति होगी।
  एम्बुलेंस चालक पाठ्यक्रम भी शामिल है
 प्रशिक्षण में कोरोना के रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं के परिवहन के लिए ड्राइविंग के साथ-साथ एम्बुलेंस चालक प्रशिक्षण भी शामिल होगा।  प्रशिक्षण पूरा करने वाले सभी प्रशिक्षुओं को जन स्वास्थ्य विभाग के तहत सक्षम निकाय के माध्यम से पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकृत किया जाएगा।  प्रशिक्षण पूरा करने वाले सभी प्रशिक्षुओं के लिए कम से कम 6 महीने के लिए सरकारी या निजी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देना अनिवार्य होगा।  यह प्रशिक्षण प्राथमिकता के आधार पर कार्य प्रशिक्षण के आधार पर दिया जाएगा।  इसके लिए उम्मीदवारों के वेतन का भुगतान संबंधित संगठन द्वारा किया जाना चाहिए।  साथ ही, प्रशिक्षण शुल्क का भुगतान कौशल विकास समिति के माध्यम से चरणों में किया जाएगा, मंत्री श्री मलिक ने कहा।

 इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव, कौशल विकास, रोजगार एवं उद्यमिता की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया गया है, जिसमें सचिव, लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, आपदा प्रबंधन एवं अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।  कौशल विकास आयुक्त कार्यक्रम के नियंत्रक अधिकारी होंगे।

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