
सोनपुर मेले का मुख्य पंडाल संगीत की स्वर लहरी में डूबा।
- सागरिका वर्मा के नृत्य पर झूमे दर्शक
विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेले में समापन से एक दिन पहले संगीत समारोह का ऐसा ताना-बाना बना कि पर्यटन विभाग का मुख्य पंडाल संगीत की स्वर लहरी में डूबता चला गया कि श्रोताओं की चेतना ही संगीतमय बन गयी। मेले का प्राचीन वैभव का समां ऐसा बंधा जैसे लगा कि पूरा मेला संगीत के संग झूम रहा है।
पटना की सागरिका वर्मा ने जब अपनी कोमल, उज्जवल सौंदर्य और शांति से प्रस्तुति शुरू की तो दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया।
प्रस्तुति में सागरिका की प्रथम प्रस्तुति ओम नमः शिवाय के साथ शुरू हुई, अगली प्रस्तुति तोहरे बलमुआ कप्तान सुन के सजनी हमरो बलमुआ किसान…, सजनवां कैसे तेजब है छोटी नन्दी…, केहूं के तल्ला दो तल्ला…., अंगुली में डसले पिया नगिनिया हे…, के साथ अंतिम प्रस्तुति दमा दम मस्त कलंदर.. के साथ समाप्त हुई तो पूरा पंडाल तालिया की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। संगत कलाकारों में की-बोर्ड और तबला पर राजन, इफेक्ट पर अरविंद कुमार शामिल थे। कार्यक्रम के समापन के बाद मेले में लगे सेना के एसएसबी शिविर के टीम लीडर इंस्पेक्टर अमित कुमार और हवलदार अनिल कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर सागरिका वर्मा और उनके दल को सम्मानित किया। अगली प्रस्तुति शास्त्रीय नृत्य की पटना की सुष्मिता शर्मा ने दी। उनकी प्रस्तुति पर ऐसा लगा जैसे मुख्य पंडाल का प्राचीन वैभव का संमा ऐसा बना जैसे वह स्वयं संगीत के संग झूम रहा हो।
उन्होंने कई गीत पर नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। जिसमें ओ रे पिया…, पिया तोसे नैना लागे रे…, घर मोरे परदेसिया…., कान्हा सो जा जरा…., ताल से ताल मिला…, नैनो वाली ने छेड़ा मन का प्याला…., और अंतिम प्रस्तुति ओरे पिया.., से की। बाद में कलाकार को सम्मानित किया गया। इस दौरान मंच संचालन जिला प्रशासन के की ओर से प्रतिनियुक्ति बिट्ठल नाथ सूर्य ने की। इस अवसर पर स्थानीय समाजसेवी लाल बाबू पटेल, लोक गायक नवल किशोर सिंह, समेत अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।