
छोलापुर सरकारी स्कूल में शौचालय नदारद बच्चे मजबूरी में खुले में जाने को मजबूर प्रशासन बेखबर
भीम राजावत
जालौन। शिक्षा व्यवस्था की असलियत उस समय उजागर हुई जब प्राथमिक विद्यालय छोलापुर विकासखंड जालौन में बच्चों के लिए शौचालय की सुविधा ही नहीं मिली। गांव के इस सरकारी स्कूल में मासूम बच्चे रोज़ मजबूरी में खुले में शौच के लिए जाने को विवश हैं, जिससे उनकी गरिमा और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रधान और शिक्षा विभाग को शिकायत दी गई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह स्थिति सरकार की स्वच्छ विद्यालय अभियान की खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रही है।
प्रतिदिन स्कूल आने वाले नौनिहालों को मूलभूत सुविधा से वंचित रखना सीधे तौर पर शासन-प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाता है। नियमों के बावजूद शौचालय निर्माण नहीं होना शिक्षा विभाग की घोर उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण है।
गांववासियों ने मांग की है कि विद्यालय में तत्काल शौचालय का निर्माण कराया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो। यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीण उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है — बेटियों की सुरक्षा और बच्चों की गरिमा का जिम्मेदार कौन