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भ्रष्टाचार मुक्त भारत – हमारा अधिकार, हमारी जिम्मेदारी

— रविशंकर सामरिया, जिलाध्यक्ष

हर वर्ष 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस हमें केवल जागरूक करने के लिए नहीं है, बल्कि यह संकल्प दिलाने के लिए है कि समाज, संस्था और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता ही प्रगति का असली आधार है।

आज भ्रष्टाचार केवल एक अपराध नहीं, बल्कि राष्ट्र की प्रगति को रोकने वाली सबसे बड़ी बाधा बन चुका है। एक ओर जहां ईमानदारी और पारदर्शिता से देश का विकास तेज़ी से बढ़ सकता है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार समाज की जड़ों को भीतर से खोखला करता है। ऐसे में हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाए, बल्कि अपने स्तर पर इसकी रोकथाम में सक्रिय भूमिका भी निभाए।

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