काम की बात ग्रहण करो बाकी सब छोड़ दो
दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अलग अलग सोच हो सकती है। आपको सलाह देने वाले अनेक हो सकते है। धर्म अनेक है, धर्म ग्रन्थ अनेक है, लोग अच्छे भी है, बुरे भी है, बाते काम की भी होती है, बेकार की भी।
बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो काम की बातो को ग्रहण कर व्यर्थ की बातों को त्याग दे।
जयप्रकाश शुक्ला